रायपुर: दिवंगत विधयाक भीम मंडावी की मौत की एनआईए जांच के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल राज्य सरकार ने अचार संहिता के दौरान एनआईए जांच के केंद्र सरकार के फैलसे को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ये शर्मनाक है। राज्य सरकार की अनुशंसा के बिना जांच के आदेश देना निंदनीय है। जबकि प्रदेश सरकार पहले ही शहीद भीम मंडावी के परिजनों को आश्वासन दे दिया था कि हर संभव जांच की जाएगी।
मामले को लेकर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि हमने भी अपने नेताओं को झीरम घाटी में खोया है, लेकिन जांच के लिए कभी मर्यादा नहीं लांघी। झीरम मामले की भी एनआईए जांच कराई गई थी, लेकिन अब एनआईए जांच की फाइल देने को तैयार नहीं है। एनआईए का यह रवैया झीरम मामले की जांच में सवाल खड़े करते हैं।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को चुनावी सभा को संबोधित कर लौट रहे भीमा मंडावी का काफिला आईईडी की चपेट में आ गया था। हादसे में विधयाक मंडावी की मौत हो गई थी। मामले को लेकर कल केंद्र सरकार ने एनआईए जांच के आदेश दिए हैं।