अनेक बाधाओं से जूझने के बावजूद मजबूत है देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था

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नई दिल्ली
भारत की संसद के प्रथम बैठकों के 68वें वर्ष के अवसर पर बुधवार को उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्रियों ने संसद के केंद्रीय कक्ष और चैंबर्स का दौरा किया। इस अवसर पर और लोकसभा अध्यक्ष ने दोनों सदनों की प्रथम बैठकों के विभिन्न स्मृतियों और अनुभवों के बारे में चर्चा की। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देशवासियों और सरकारों के संयुक्त प्रयासों से हम कोविड-19 महामारी पर काबू पाने में सफल होंगे।
इससे पहले बिरला ने देशवासियों को बधाई दी और कहा कि आजादी के बाद पहली बार 13 मई, 1952 को संसद की दोनों सभाओं, लोक सभा और राज्य सभा की बैठक हुई थी।

लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि पिछले सात दशकों में हमने अनेक बाधाओं का सामना किया है और अपने संविधान तथा लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का सफलतापूर्वक संरक्षण करते हुए इसे और मजबूत बनाया है। बिरला ने कहा कि हमारे देशवासियों के संयुक्त प्रयासों से हम कोविड-19 महामारी पर काबू पाने में भी सफल होंगे।

बिरला ने इस अवसर पर इस बात का उल्लेख किया कि भारत में प्राचीन काल से ही मजबूत लोकतांत्रिक परम्पराएं रही हैं और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं ने राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान किया है । उन्होंने यह भी कहा कि हमारी संसद संविधान के उच्च आदर्शों, सहभागितापूर्ण लोकतन्त्र, सामाजिक न्याय और देशवासियों को उनके उचित आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकार दिलाने के लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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