शिवसेना ने कहा, ‘अयोध्या यात्रा को लेकर पार्टी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे को ढोंगी कहने वाली बीजेपी असल में खुद असली ढोंगी है। अयोध्या में ठाकरे की राम मंदिर यात्रा से खुश होने के बजाय बीजेपी नेता इसे पचा नहीं पा रहे हैं।’
संपादकीय में कहा गया कि जिस तरह बीजेपी नेता ठाकरे की आलोचना कर रहे हैं, इससे उनके ‘बुरे इरादे’ को उजागर हो रहे हैं और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बावजूद खुद को ‘हिंदुत्व’ से दूर नहीं करने के कारण ही विपक्ष घबराया हुआ है। ठाकरे नीत शिवसेना ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के साथी अलग विचारधारा के हो सकते हैं लेकिन मानवता के तौर पर सभी के साथ एक समान व्यवहार और सेवा करने को लेकर हम भी भगवान राम के कदमों पर चल रहे हैं।
इसमें कहा गया, ‘नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष दिल्ली हिंसा जैसे हालात की उम्मीद कर रहा था लेकिन ठाकरे ने हालात को गंभीरता से संभाला और कोई छोटी सी भी घटना नहीं हुई।’ मुखपत्र में कहा गया कि भगवान राम पर किसी भी व्यक्ति अथवा दल का एकाधिकार नहीं है। साथ ही शिवसेना ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकात पाटिल के उस बयान की भी निंदा की, जिसमें पाटिल ने कहा था कि अगर किसी का हृदय खुला है तो उसमें ही भगवान राम मिल सकते हैं।
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