आज ही के दिन: भारत के सपनों को तोड़, वर्ल्ड चैंपियन बना था श्रीलंका

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नई दिल्ली
भारतीय टीम सात साल बाद टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में थी। मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम खिताबी मुकाबले में उसके सामने थी श्रीलंका की टीम। वही श्रीलंका जिसे तीन साल पहले 50 ओवर के फाइनल में हराकर भारत 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बना था। वहीं श्रीलंका वैश्विक टूर्नमेंट के चार फाइनल हार चुकी थी। कुमार संगाकारा की कप्तानी में टीम के पास यह आखिरी मौका था।

संगाकारा की टीम के पास सिर्फ 131 रन का लक्ष्य था। संगाकारा ने कप्तानी पारी खेली। मुश्किल नजर आ रही विकेट पर 35 गेंद पर नाबाद 52 रन बनाए। महेला जयवर्धने ने भी रन अ बॉल 24 रन बनाए। तिसारा परेरा ने 14 गेंद पर 23 रन बनाकर लंकाई टीम पर प्रेशर नहीं पड़ने दिया। और लंकाई टीम ने छह विकेट से मैच अपने नाम किया।

भारत जो 2011 का वर्ल्ड कप, 2013 की चैंपियंस ट्रोफी जीत चुका था उसके पास तिकड़ बनाने का मौका था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। टीम मीरपुर की विकेट पर बड़ा स्कोर नहीं बना पाई।

कुमार संगाकारा ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया। अजिंक्य रहाणे सिर्फ तीन बनाकर आउट हो गए। रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली ने 61 रन जोड़े। 10.3 ओवर में भारत का स्कोर 64 रन था।

विराट जमकर बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन दूसरे छोर पर बल्लेबाजों को रन बनाने में काफी दिक्कत आ रही थी। युवराज सिंह 21 गेंदों का सामना कर सिर्फ 11 रन बना पाए। वह कहीं अपने पुराने रंग में नहीं थे। वह न तो बड़े शॉट खेल पा रहे थे और न हीं लंकाई गेंदबाज उन्हें स्ट्राइक ही बदलने दे रहे थे। उनके आउट होने के बाद क्रीज पर आए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी सात गेंद पर 4 रन ही बना पाए। वहीं उसी विकेट पर कोहली को कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने 58 गेंद पर 5 चौकों और चार छक्कों की मदद से 77 रन बनाए। वह पारी की आखिरी गेंद पर आउट हुए।

लंकाई टीम को बड़ा लक्ष्य नहीं था और उसने इसे हासिल करने में कोई जल्दबाजी भी नहीं दिखाई। संगाकारा ने हाफ सेंचुरी बनाकर रनगति को नियंत्रण में और भारतीय टीम को जीत से महरूम रखा। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हराकर तीसरी बार महिला टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।

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