आदित्य की 'नाइट लाइफ' पर गृहमंत्री का ब्रेक!

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मुंबई
महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी में मुंबई की नाइट लाइफ के मुद्दे पर एकराय नहीं हो पाई है। राज्य के गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि पहले इस प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा होगी, उसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। इसलिए शिवसेना के युवा नेता और पर्यटन मंत्री की पहल पर 27 जनवरी से मुंबई में मॉल्स और रेस्त्रां खुले रहने की घोषणा पर फिलहाल सवालिया लग गया है।

हालांकि, गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दूसरा ट्वीट कर यह साफ किया है कि अगर यह प्रस्ताव बीकेसी, मरीन ड्राइव, लोअर परेल जैसे किसी विशेष एरिया के लिए है या फिर मॉल्स और मिल कंपाउंड के अंदर बने होटल रेस्त्रां आदि के लिए मर्यादित हो, तो इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सकता है। रविवार को देशमुख ने कहा कि इससे पुलिस पर कितना दबाव बनेगा, इसकी भी समीक्षा की जाएगी और उसके बाद निर्णय लिया जा सकता है। यदि यह 24×7 करना है, तो हमें अपना बल बढ़ाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में राज्य प्रशासन निर्णय लेगा।

इस हफ्ते कैबिनेट
इस सप्ताह होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक (कैबिनेट) में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री जो राकांपा के हैं, उन्होंने इस प्रस्ताव पर इसलिए ब्रेक लगाया है, ताकि मुंबई में नाइट लाइफ शुरू करने का सारा श्रेय अकेले शिवसेना को न मिले। वैसे आदित्य ठाकरे और शिवसेना पिछली सरकार के कार्यकाल में भी इस प्रस्ताव को लाए थे, लेकिन भाजपा ने इसे सफल नहीं होने दिया था।

बता दें कि महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने शनिवार को ही कहा था कि मुंबई के गैर-आवासीय क्षेत्रों में दुकानें, मॉल और रेस्त्रां 26 जनवरी से चौबीसों घंटे खुले रह सकते हैं। यह वैकल्पिक है, इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा। लंदन और मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में नाइट लाइफ का उदाहरण देते हुए, ठाकरे ने कहा, मुंबई को भी लोगों को रात में वैसी सुविधा देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। महानगर में सेवाएं 24×7 जारी रहनी चाहिए।

‘नाइट लाइफ को केवल शराब पीने से जोड़ना गलत’
ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि नाइट लाइफ को केवल शराब पीने के साथ जोड़ना गलत है। मुंबई शहर 24×7 काम करता है। यदि ऑनलाइन खरीदारी 24 घंटे खुली रह सकती है, तो रात में दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद क्यों रखा जाना चाहिए। दुकानों और मॉलों को रात में खोलना अनिवार्य नहीं है। यह उन पर निर्भर है, यदि वे दुकानों को खोले रखना चाहते हैं। कोई नियम नहीं बदला गया है। उनका यह भी कहना था कि हम एक्साइज के मानदंडों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहे हैं।

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