बीसीसीआई ने कोविड-19 महामारी के कारण इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के साथ त्रिकोणीय सीरीज के लिए महिला टीम नहीं भेजने का फैसला किया। बोर्ड सितंबर से नवंबर तक यूएई में आईपीएल की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में महिला क्रिकेट को लेकर बोर्ड की गंभीरता पर सवाल उठ रहा लेकिन पूर्व कप्तान ने इस अलोचना को खारिज कर दिया।
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रंगास्वामी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘यह उपेक्षा करने का मामला नहीं है। आपको मैच फिटनेस हासिल करने के लिए कम से कम छह सप्ताह का समय चाहिए और देश के ज्यादातर हिस्से में कोविड-19 को देखते हुए क्या कैंप लगाना संभाव है? आपको इंग्लैंड में 14 दिनों तक आइसोलेशन में भी रहना होगा।’
आईपीएल के दौरान महिला प्रदर्शनी मैचों के इस साल होने की संभावना कम है और न्यूजीलैंड में अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले शायद ही टीम को ज्यादा मैच खेलने को मिले। रंगास्वामी ने कहा, ‘हमारे पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं था। कोविड-19 ने दुनिया भर के खेल को प्रभावित किया है, महिला क्रिकेट पर इसका और अधिक प्रभाव है। मेलबर्न में टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में रेकार्ड संख्या में दर्शकों के आने के बाद हम फिर से कुछ साल पीछे चले गए हैं। यह दुखद है।’
आईपीएल का आयोजन 19 सितंबर से होना है , इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया में महिला बिग बैश भी खेली जाएगी। इसमें तीन-चार भारतीय खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है।
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रंगास्वामी ने कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि प्रकृति भी महिला क्रिकेट के खिलाफ साजिश कर रही है। पिछले साल आईपीएल महिला चैलेंज में तीन टीमें थी और इस साल इसे चार टीमों का होना था। टूर्नमेंट का स्थल बदल गया लेकिन उससे ज्यादा परेशानी यह है कि उसी समय बिग बैश लीग का आयोजन होना है। देखते हैं आईपीएल की संचालन समिति क्या फैसला करती हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आईपीएल प्रदर्शनी मैचों की तुलना में इंग्लैंड जाना ज्यादा जरूरी था। इंग्लैंड दौरे से विश्व कप की अच्छी तैयारी होती।’ रंगास्वामी ने कहा कि मौजूदा माहौल में बीसीसीआई की खेल (महिला क्रिकेट) के प्रति प्रतिबद्धता को नहीं आंका जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के बाद महिला क्रिकेट को लेकर उनकी प्रतिबद्धता का पता चलेगा। बीसीसीआई की मंशा पर संदेह करने वाले लोगों को पहले चीजों के सामान्य होने का इंतजार करना चाहिए। मौजूदा स्थिति उनके नियंत्रण में नहीं है।’