गुजरात में 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। एक और कांग्रेस विधायक बृजेश मेरजा (Brijesh Merja) ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले पार्टी के दो विधायकों अक्षय पटेल और जीतू चौधरी ने इस्तीफा दिया था। स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने दोनों के इस्तीफे स्वीकार भी कर लिए हैं। अब राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए दो सीटें निकालना भी मुश्किल है जबकि बीजेपी तीन पर जीतती नजर आ रही है।
मार्च से 8 विधायकों ने छोड़ा साथ
मुश्किल वक्त और परीक्षा की घड़ी में को एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं। मार्च से अब तक 8 कांग्रेस विधायक विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद ग्रैंड ओल्ड पार्टी में अब सिर्फ 65 विधायक रह गए हैं। गुजरात विधानसभा में अब कुल 172 सदस्य हैं और 10 सीटें खाली हैं। बता दें कि गुजरात की 4 सीटों पर 19 जून को राज्यसभा चुनाव होने हैं। इनमें से तीन सीटें फिलहाल बीजेपी के पास हैं जबकि एक कांग्रेस के खाते में।
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3 विधायकों के इस्तीफों से बीजेपी को फायदा
राज्यसभा 4 सीटों के लिए बीजेपी के तीन और कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है। अब तक के गणित के लिहाज से बीजेपी सिर्फ दो सीटें ही जीत सकती थी लेकिन कांग्रेस के 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब तीसरी सीट पर भी उसका पलड़ा भारी होता दिख रहा है। अब चौथी सीट के लिए
दूसरी प्राथमिकता के आधार वोट पड़ेंगे जिससे बीजेपी के बाजी मारने की संभावना अधिक है।
बदल गए राज्यसभा के गणित
नियमों के अनुसार, गुजरात राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए एक उम्मीदवार को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) के तहत 37 वोट की दरकार है। बीजेपी के पास अभी 103 विधायक हैं जबकि राज्यसभा के लिए उसने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहारी अमीन को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को उम्मीदवार है।
शक्ति सिंह और भरत सिंह में किसी एक को देनी होगी बलि!
कांग्रेस को राज्यसभा की दो सीटें जीतने के लिए 74 विधायक चाहिए
लेकिन अब उसके पास 65 अपने और 3 दूसरी पार्टियों के जोड़े तो भी 68 ही होते हैं।
यह भी तय नहीं है कि ये तीनों विधायक कांग्रेस को समर्थन देंगे या नहीं।
इस लिहाज से कांग्रेस के लिए दूसरी सीट पर जीतना लगभग नामुमकिन है। कांग्रेस अब अपने विधायकों की बदौलत से अभी एक सीट ही निकालती दिख रही है। यानी शक्ति सिंह और भरत सिंह में से एक की बलि तय है।
दूसरे विधायकों के वोट अहम
विधानसभा में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायक, एक एनसीपी और एक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। इस्तीफों के दौर में कांग्रेस और बीजेपी की नजर अब इन विधायकों के वोट पर टिकी हैं।
कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव
राज्यसभा में एक उम्मीदवार को चुने जाने के लिए न्यूनतम कितने वोट चाहिए यह वोटों की गिनती और सीटों की संख्या पर निर्भर करता है। गुजरात में 182 सदस्य हैं। एक कैंडिडेट को राज्यसभा पहुंचने के लिए कितने विधायकों का समर्थन मिलना चाहिए इसके लिए एक फॉर्म्युला तय है। कुल विधायकों की संख्या को राज्यसभा के लिए जितने सदस्य चुने जाने हैं, उसमें एक जोड़कर विभाजित किया जाता है। गुजरात के मामले में 182 को 5 से विभाजित करेंगे तो 36.4 यानी 37 होगा।
एक सदस्य को जीतने के लिए 37 पहली पसंद के वोटों की जरूरत होगी। इसके अलावा वोट देने वाले हर विधायक को यह भी बताना होता है कि उसकी पहली पसंद और दूसरी पसंद का कैंडिडेट कौन है। अगर कैंडिडेट को पहली प्राथमिकता का वोट मिल जाता है तो वो वह विजयी होता है नहीं तो इसके लिए दूसरी पसंद के आधार पर चयन होता है।
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