2020 में दिल्ली का तापमान महज एक बार 40 डिग्री से ऊपर गया है। 15 अप्रैल को राजधानी का तापमान 40.1 डिग्री रेकार्ड किया गया था। जबकि 2012 इससे पहले सबसे ठंडा रहा था। उस दौरान पूरे 40 डिग्री को छू नहीं सका था। 2012 अप्रैल में सबसे गर्म दिन का तापमान 38.7 डिग्री था । 2009 से 2019 तक यानी पिछले एक दशक के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 2012 में ही ऐसा हुआ था, जब तापमान 40 डिग्री नहीं पहुंच पाया।
स्काईमेट के महेश पलावत के अनुसार इस साल तापमान न बढ़ने का सबसे बड़ा कारण मार्च और अप्रैल में एक के बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस की सक्रियता है। इन सिस्टमों के कारण दिल्ली समेत मैदानी इलाकों में बारिश होती रही, जिसकी वजह से तापमान बढ़ नहीं पाया। इस समय दिल्ली एनसीआर में मौसम साफ है, लेकिन 23 अप्रैल को एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय हुआ जिसकी वजह से राजधानी में फिर बारिश होगी। इसके बाद 27 अप्रैल को भी बारिश होगी। ऐसे में संभावना है कि पूरे अप्रैल अब तापमान 40 डिग्री को न छू पाए।
दिल्ली रीजनल सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार यदि 14 से 16 अप्रैल के तीन दिनों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतम तापमान सामान्य से कम ही रहा है। बाकी दिनों में भी 40 डिग्री से ऊपर तापमान के जाने की संभावना नहीं है। बारिश और आंधी के आसार इन बचे हुए दिनों में बने हुए हैं। ऐसे में काफी संभावना है कि यह इस दशक का दूसरा सबसे ठंडा अप्रैल हो।
गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3 डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान भी 23.2 डिग्री रहा जो सामान्य है। शुक्रवार को बादल छाए रहेंगे, बारिश की संभावना नहीं है। अब 26 और 27 अप्रैल को बारिश और आंधी की संभावना बनी हुई है, उस दौरान तापमान 34 डिग्री पर सिमट सकता है।