नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने किसानों की कर्जमाफी करने के बाद एक पंच लाइन चलाया था जो कहा सो किया। लेकिन एक बार भाजपा ने जो कहा सो किया है। दरअसल भजपा ने छत्तीसगढ़ में अपने पांच मौजूदा सांसदों के टिकट काट चुकी बीजेपी ने रविवार को पांच अन्य सीटों पर नए चेहरों को उतारा है। इस क्रम में रायपुर से छह बार के सांसद रमेश बैस और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह सहित मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए हैं। बता देें भाजपा ने पहले कह दिया था कि लोकसभा चुनाव 2019 में छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर नए उम्मीदवारों का उतारा जाएगा।
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार, पार्टी की राज्य इकाई के महासचिव संतोष पांडेय को राजनांदगांव से टिकट दिया गया है। अभिषेक सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से 2.35 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। साल 1999 से रायपुर सीट पर लगातार जीत दर्ज करा रहे बैस के स्थान पर सुनील सोनी को टिकट दिया गया है।
बीजेपी ने कोरबा से बंशीलाल महतो के स्थान पर ज्योति नंद दूबे को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बिलासपुर में लखनलाल साहू के स्थान पर अरुण सॉ को टिकट दिया गया है। महासमुंद के सांसद चंदूलाल साहू के स्थान पर चुन्नी लाल साहू को उम्मीदवार बनाया गया है। चंदूलाल ने 2014 के आम चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी को पराजित किया था।
बीजेपी ने दुर्ग सीट से विजय बघेल को प्रत्याशी बनाया है। पिछले आम चुनाव में इस एकमात्र सीट पर बीजेपी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी, और पार्टी उम्मीदवार सरोज पांडेय कांग्रेस उम्मीदवार ताम्रध्वज साहू के सामने चुनाव हार गई थीं। बीजेपी ने पहली सूची में राज्य के पांच उम्मीदवारों के नाम तय किए थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णु देव साई को इस बार टिकट नहीं दिया गया, जबकि 1999 से ही वह रायगढ़ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राज्य की पांच आरक्षित लोकसभा सीटों -सरगुजा, बस्तर, रायगढ़, कांकेर और जांजगीर-चम्पा के लिए उम्मीदवारों की घोषणा गुरुवार को पहली सूची में कर दी गई थी। पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार के बाद ही पार्टी ने घोषणा की थी कि राज्य के सभी 10 सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ में मतदान 11, 18 और 23 अप्रैल को होना है।