एयरफोर्स की बढ़ी ताकत, मिला 'फ्लाइंग बुलेट्स'

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नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी बीच वायु सेना बेडे़ में ‘तेजस’ का दूसरा स्क्वाड्रन शामिल हो गया है। इस स्क्वाड्रन का नाम दिया गया है। एयर चीफ मार्शल ने खुद स्वदेशी फाइटर जेट तेजस उड़ाया। भदौरिया ने बुधवार को वायु सेना स्टेशन सुलूर में 45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग डेगर्स) के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को उड़ाया। उन्होंने सिंगल सीटर एलसीए में उड़ान भरी है।

आइये जानते हैं इस तेजस के दूसरे स्क्वाड्रन की खासियत क्या है

1- यह चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है। इसमें सिंगल इंजन का इस्तेमाल किया है और डेल्टा विंग भी इसमें लगे हुए हैं। डेल्टा विंग कई प्रकार के होते हैं जो अलग-अलग एयरक्राफ्टों में आपको नजर आएंगे। इस फाइटर जेट में भी डेल्टा विंग का इस्तेमाल किया गया है।

2- इसको एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डिजायन किया है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। यानी ये पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू जेट है।

3- इसका नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है। फ्लाइंग बुलेट्स का वजन 6,560 kg है, इसकी ऊंचाई 4.4 मीटर और लंबाई 13.2 मीटर है।

4- इसके डेल्टा विंग की चौड़ाई 8.20 मीटर है और इसकी रेंज 1,850 किलोमीटर तक है। ये अपनी अधिकतम रफ्तार तक उड़ सकता है।

इस फाइटर जेट की पूरी टाइमलाइन

1- 1983 को हल्के फाइटर जेट के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई थी। इसको मिग-21 फ्लीट विमान की जगह लाया जाना था।

2- 1986 को सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 575 करोड़ रूपये की राशि आबंटित की।

3- 2001 में पहली बार इसने ट्रायल उड़ान भरी।

4- 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी ने इसका नाम तेजस रखा।

5- 2016 में एयरफोर्स ने 45 स्क्वाड्रन के रूप में इसको शामिल किया। इसी साल इस विमान का इंटरनेशल दौरा भी हुआ। बहरीन के एयर शो में इस विमान ने खूब कमाल दिखाए।

6- 2017 में 68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर तेजस को परेड में शामिल किया गया।

7- 2018 में इस विमान ने गगन शक्ति सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया।

8- 27 मई 2020 में वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन में तेजस शामिल हुआ।

एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ के साथ हुई थी। यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था। आपको बता दें कि तेजस लड़ाकू विमान एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है। इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है। इस बेड़े ने सक्रिय रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में हिस्सा लिया था और मरणोपरांत फ्लाइंग अधिकारी निर्मलजीत सिंह सेखों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था।

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