नई दिल्ली
एलएसी पर तनाव के बीच एक बार फिर की उड़ान दुश्मनों के हौसलों को पस्त करने वाली है। दरअसल, 8 अक्टूबर को वायु दिवस के मौके पर पहली बार राफेल फाइटर जेट वायुसेना की परेड में हिस्सा लेंगे। इस दौरान राफेल फाइटर जेट आसमान में ऊंची उड़ान और करतब भी दिखाएंगे।
एलएसी पर तनाव के बीच एक बार फिर की उड़ान दुश्मनों के हौसलों को पस्त करने वाली है। दरअसल, 8 अक्टूबर को वायु दिवस के मौके पर पहली बार राफेल फाइटर जेट वायुसेना की परेड में हिस्सा लेंगे। इस दौरान राफेल फाइटर जेट आसमान में ऊंची उड़ान और करतब भी दिखाएंगे।
भारतीय वायु सेना के मुताबिक, राफेल 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, ट्विन-इंजन ओम्नीरोल, एयर वर्चस्व, अंतर्विरोध, हवाई टोही, जमीनी समर्थन, गहराई में प्रहार, जहाज-रोधी और परमाणु निवारक लड़ाकू विमान, हथियारों की एक विस्तृत श्रृंखला से लैस है। पांच राफेल लड़ाकू विमानों को आधिकारिक रूप से 10 सितंबर को अंबाला (हरियाणा) में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।
बता दें कि 29 जुलाई को फ्रांस से 5 राफेल विमान भारत आए थे। भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने के बाद से ही वायुसेना की ताकत काफी बढ़ गई है। पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान भी भारत के पास राफेल फाइट जेट होने से काफी टेंशन में हैं।
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