बैकुंठपुर: वैश्विक महामारी से जहां एक ओर जनजीवन असामान्य हो रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारमूलक कार्यों के सुचारू होने से आम जीवन निरंतर गतिमान है। इस कठिन परिस्थिति में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी नरेगा ने आम ग्रामीणों को रोजगार की उपलब्धता देकर संबल प्रदान कर रहा है। आज जिले में प्रतिदिन 45 हजार से ज्यादा परिवारों को सुनिश्चित रोजगार का माध्यम बनकर मनरेगा उन्हे आर्थिक आधार प्रदान कर रहा है। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति ने बताया कि जिले में महामारी से बचाव के लिए समस्त उपाय कार्यस्थलों पर भी अपनाए जा रहे हैं। कोरिया जिले के 250 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में उनकी मांग के अनुरूप रोजगारपरक कार्याें को प्रारंभ कराया गया है। जिसमें औसतन 45 हजार परिवारों को रोजगार मिल रहा है। जिला पचायत सीइओ तूलिका ने बताया कि सबसे ज्यादा श्रमिक बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत मनरेगा कार्यों में संलग्न हैं। यहां लगभग 10हजार श्रमिक परिवार मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं। साथ ही मनेन्द्रगढ, भरतपुर और खड़गंवा में औसतन 9हजार श्रमिक रोजाना मनरेगा कार्यस्थलों पर आ रहे हैं। वनांचल सोनहत में भी औसतन 7 हजार से ज्यादा श्रमिक श्रममूलक कार्यों में रोजगार कर अपनी आजीविका को सतत रखे हुए हैं।
जिला पंचायत सीइओ ने आगे बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में पर्याप्त मात्रा में कार्यों की स्वीकृति करके रखी गई है। आवश्यकता के अनुरूपा कार्य की मांग पर प्रत्येक ग्राम पंचायत मंे सेल्फ आफ प्रोजेक्ट से कार्य कराए जा रहे है। वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत जिले मंे 1528 कार्य हो रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा कार्य जल संसाधन के संरक्षण और संवर्धन से संबंधित हैं। वनवासी क्षेत्रों में वनाधिकार पत्रक धारियों के भूमि समतलीकरण के भी सभी आवेदनांे को स्वीकृत कर यह कार्य प्राथमिकता से कराया जा रहा है। इसके अलावा जो काम जिले में सर्वाधिक संख्या में चल रहे हैं उनमे 700 से ज्यादा कूप निर्माण, और 500 से ज्यादा निजी डबरी के कार्य हैं। साथ ही जिले में पूर्व से बनाए गए तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए 150 से ज्यादा कार्यों को कराया जा रहा है। जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 60 से ज्यादा नए तालाब भी निर्मित कराए जा रहे हैं।
जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि लाकडाउन के दौरान महामारी से बचाव के लिए सभी कार्यस्थलों पर प्रत्येक श्रमिक को फेस कवर करने के लिए मास्क का वितरण किया गया है। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए प्रत्येक कार्यस्थल पर हाथ धुलाई के लिए साबुन पानी की व्यवस्था रखी गई है। इन सबके साथ ही सोसल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है। जिन कार्यस्थलों पर 30 या 40 से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा हैं वहां दो पाली में कार्य लिया जा रहा है। पहली पाली में आधे श्रमिकों केा तथा दूसरी पाली में आधे श्रमिकों को कार्यपर नियोजित किया जा रहा है। सामाजिक दूरी के साथ जागरूक होकर मनरेगा में कार्य करने के लिए श्रमिकों को जानकारी देने के लिए दो जिला स्तरीय दल भी बनाए गए हैं जो नियमित पांच से दस पंचायतों में जाकर महामारी से बचाव और अन्य जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन अभियंता और सभी अनुविभागीय अधिकारियों को भी प्रातिदिन कार्यस्थल भ्रमण कर नरवा और गरूवा के प्रगतिरत कार्यों की मानिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।