गरीब फैमिली में हुआ था जन्म
आपको फ्लैशबैक में ले चलते हैं। यूसुफ लाहौर में एक पैदा हुए थे और उनका पूरा नाम यूसुफ योहाना (इस्लाम अपनाने के बाद मोहम्मद युसूफ बने) था। उनके पिता रेलवे में सफाई कर्मचारी थे। यूसुफ बचपन में परिवार को सपॉर्ट करने के लिए रेलवे स्टेशन पर काम करने लगे। क्रिकेटर बनने की चाह थी, लेकिन क्रिकेट किट या बैट खरीदने के पैसे नहीं थे। उन्होंने लकड़ी के फट्टे से बैट बनाकर टेनिस गेंद से अभ्यास शुरू किया।
रिक्शा चलाया, दर्जी की दुकान पर काम किया, पर नहीं टूटने दिया सपनावह 12 वर्ष की उम्र में गोल्डेन जिमखाना क्लब से जुड़े और अपने सपने को नया आयाम देने लगे। इसके बाद वह लाहौर के फोरमैन क्रिश्चन कॉलेज से जुड़े और यहां से उनके क्रिकेट करियर को सपॉर्ट मिला। इस दौरान वह फैमिली को पालने के लिए रिक्शा चलाते और दर्जी का काम भी करते रहे। 1998 में उन्होंने पाकिस्तान के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट का आगाज किया, जबकि पहला वनडे जिम्बाब्वे के खिलाफ सी वर्ष खेला। वह कई बार यह भी कह चुके हैं कि उन्हें इसका भरोसा नहीं था कि कभी नैशनल टीम की ओर से खेलेंगे और यहां तक का सफर तय करेंगे।
कोच बनने के बाद यह कहायूसुफ ने पीसीबी के बयान में कहा, ‘कोचिंग में करियर बनाने की मेरी महत्वकांक्षा एक खुला रहस्य है लेकिन यह सही समय और हमारी भविष्य की क्रिकेट के लिए उचित रोडमैप से जुड़ा था जिसमें मैं प्रभावी तरीके से योगदान दे सकता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह मेरे लिए अपनी दूसरी पारी शुरू करने का सही समय है क्योंकि मैं इसके प्रति आशान्वित हूं। मैं यह अवसर मिलने से खुश हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि मैं अपने ज्ञान और अनुभव से युवा क्रिकेटरों की मदद कर सकता हूं।’
सबसे सफल बल्लेबाजों शामिलयूसुफ ने टेस्ट करियर में 90 मैच खेलते हुए 24 शतक (4 दोहरे शतक) और 33 अर्धशतक की मदद से 7530 रन बनाए, जबकि 288 वनडे में 15 शतक और 64 फिफ्टी की बदौलत 9720 रन बनाए। उन्हें पाकिस्तान के सबसे सफल बल्लेबाजों शामिल किया जाता है। यूसुफ के साथ पूर्व विकेटकीपर अतीक उज जमां और तेज गेंदबाज मोहम्मद जाहिद भी इस केंद्र से जुड़ेंगे। अतीक ने एक टेस्ट और तीन वनडे जबकि जाहिद ने पांच टेस्ट और 11 वनडे खेले हैं।