कश्मीर में लगातार 4 भूकंप, खतरे का अंदेशा!

1 min read

नई दिल्‍ली
पिछले दो महीने ऐसे गुजरे हैं जब देश के कुछ राज्‍य दो वजहों से डर के साये में रहे। एक तो कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) और दूसरा भूकंप का खतरा। जम्‍मू-कश्‍मीर ने पिछले दो दिन में भूकंप के चार झटके सहे हैं। उससे पहले, रविवार को गुजरात में रिक्‍टर स्‍केल पर 5.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। जिससे 2001 के विनाशकारी भूंकप की यादें ताजा हो गईं। राजधानी द‍िल्‍ली भी पिछले दो महीनों में 11 बार हिचकोले खा चुकी है। राहत की बात ये रही कि इनमें से किसी भूकंप के चलते जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। एक्‍सपर्ट्स की नजर में ये छोटे-छोटे झटके किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं।

पिछले एक हफ्ते में आए भूकंप16 जून – जम्‍मू और कश्‍मीर (मूल तीव्रता 6.8)
15 जून – जम्‍मू और कश्‍मीर (3 बार लगे झटके, तीव्रता 3.5)
15 जून – गुजरात (तीव्रता 5.5)
10 जून – अंडमान निकोबार (4.3)

पढ़ें:

अधिकतर झटकों के केंद्र में रही दिल्‍लीदेश की राजधानी भी लगातार भूकंप के झटके महसूस कर रही है। पिछले दो महीने में 11 बार कम तीव्रता के भूकंप आ चुके हैं। भूकंप का केंद्र भी दिल्‍ली या एनसीआर के इलाकों में रहा। कई एक्‍सपर्ट्स दिल्‍ली-एनसीआर में बड़ा भूकंप आने की चेतावनी दे चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर का इलाका भूकंप के लिहाज से संवदेनशील जोन IV में आता है। वैज्ञानिक यह भी कहते हैं कि छोटे-छोटे झटके एक दिन किसी बड़े भूकंप की वजह बन सकते हैं।

पिछले दो महीने के भीतर दिल्‍ली में आए भूकंप

तारीख तीव्रता केंद्र
13 अप्रैल 2.7 दिल्‍ली
16 अप्रैल 2 दिल्‍ली
3 मई 3 दिल्‍ली
6 मई 2.3 फरीदाबाद
10 मई 3.4 दिल्‍ली
15 मई 2.2 दिल्‍ली
28 मई 2.5 फरीदाबाद
29 मई 4.5 और 2.9 रोहतक
1 जून 1.8 और 3 रोहतक
3 जून 3.2 फरीदाबाद
8 जून 2.1 गुरुग्राम

बड़े भूकंप का खतरा जता रहे वैज्ञानिकइंडियन इं‍स्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT) से लेकर जियोलॉजी के कई नामी इंस्‍टीट्यूट यह आशंका जता चुके हैं कि दिल्‍ली एक बड़े भूकंप के इंतजार में है। IIT धनबाद के डिपार्टमेंट्स ऑफ अप्‍लाइड जियोफिजिक्‍स और सीस्‍मोलॉजी के मुताबिक, दिल्‍ली और एनसीआर में हाई इन्‍टेंसिटी का भूकंप आ सकता है। IIT कानपुर के एक्‍सर्ट्स ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-हरिद्वार रिज में खिंचाव की वजह से बार-बार धरती हिल रही है। ऐसे में आगे भी झटकों का दौर जारी रहेगा। नैशनल सेंटर ऑफ सीस्‍मोलॉजी (NCS) के पूर्व हेड एके शुक्ला के मुताबिक, छोटे भूंकप को चेतावनी के रूप में जरूर देखा जा सकता है।

कोई अनुमान नहीं लेकिन खतरे का अंदेशा सबकोदेहरादून में वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. के सेन के मुताबिक, इंडियन प्लेट्स के आंतरिक हिस्से में बसे दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का लंबा इतिहास है। उन्‍होंने कहा कि भूकंप के समय, जगह और तीव्रता का साफ तौर पर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। लेकिन यह साफ है कि एनसीआर क्षेत्र मे लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं, जो राजधानी में बड़े भूकंप की वजह बन सकते हैं। भूकंप एक्सपर्ट डॉ. पी पांडे के अनुसार, भूकंप को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं हो सकता, लेकिन इन झटकों के पीछे तीन स्थितियां बन रही हैं।

  1. इस तरह के छोटे झटके कुछ समय तक लगातार आएंगे और फिर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
  2. लगातार छोटे झटके आएं और फिर एक बड़ा भूकंप, लेकिन इस स्थिति में आमतौर पर पांच से सात छोटे भूकंप के बाद एक बड़ा भूकंप आ जाता है।
  3. दिल्ली एनसीआर में आ रहे यह भूकंप किसी दूर के इलाके में आने वाले बड़े भूकंप के बारे में बता रहे हों।

जोन 4 में आने वाली दिल्‍ली में खतरा हमेशाभूकंप के खतरे को देखते हुए भारत चार अलग-अलग जोन में डिवाइड किया गया है। हाई इन्‍टेंसिटी जोन V से लो इन्‍टेंसिटी जोन II तक। दिल्ली-एनसीआर जोन IV में आता है, यानी यह इलाका भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। दिल्ली देश के उन शहरों में से हैं जो साल में सबसे ज्‍यादा बार भूकंप के झटके झेलते हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours