सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर प्रवासी मजदूरों को स्वदेश वापसी के इंतजाम की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कुवैत में फंसे भारतीय खतरनाक स्थिति में डिटेंशन कैंप में हैं उनकी वापसी का केंद्र सरकार इंतजाम करे।
याचिका में कहा गया है कि कुवैत ने कोरोना महामारी के कारण उन तमाम लोगों को जनरल एमनेस्टी दे रखी है, जिनके पास वहां रहने के लिए वैलिड परमिट नहीं है। शुरुआत में ऐसे लोगों को कुवैत में रहने के लिए 30 अप्रैल तक का वक्त दिया गया था ताकि अपने देश जाने का इस दौरान इंतजाम कर लें। साथ ही कहा गया था कि अगर इस अवधि में लोगों ने स्वदेश वापसी का इंतजाम नहीं किया तो उन्हें जेल जाना होगा।
याचिका में कहा गया है कि इंटरनैशनल लेवल पर लॉकडाउन और इंटरनेशनल ट्रेवलिंग पर रोक के कारण जो लोग भी फंसे हुए हैं वह कुवैत से वापस इंडिया आने में असमर्थ हैं और कुवैत के डिटेंशन कैंप में हैं। कुवैत में रहने वाले चार भारतीयों की ओर से अर्जी दाखिल की गई है और कहा गया है कि मौजूदा समय में कुवैत के डिटेंशन कैंप में करीब 3 हजार इंडियन प्रवासी मजदूर रह रहे हैं और वहां काफी भीड़ है और इमरजेंसी की स्थिति में मेडिकल सुविधाओं और बेसिक सुविधाओं का अभाव है।