पूर्वी लद्दाख में चीन की ओर से लगातार हो रही गुस्ताखियों का करारा जवाब देने के साथ ही भारत को उम्मीद है कि कूटनीति के दायरे में ही विवाद का समाधान हो सकता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद पर कहा है कि मेरा पूरा यकीन है कि कूटनीति के दायरे में समाधान निकालना होगा।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा कि हकीकत यह है कि सीमा पर जो होता है, उससे भारत-चीन रिश्तों पर असर पड़ेगा। भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के लिए एक समझौते पर पहुंचना महत्वपूर्ण है, यह केवल उनके लिए अहम नहीं है बल्कि दुनिया के लिए भी यह मायने रखता है।
‘बातचीत से शांतिपूर्ण समाधान चाहता है भारत’
इससे पहले चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत हर विवाद का बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने कहा था कि भारत सभी मुद्दों का बातचीत के जरिए हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था कि भारत चीन से पुरजोर तरीके से अपील करता है कि वह सीमा पर कंपलीट डिसइंगेजमेंट के जरिए शांति की बहाली के लिए भारतीय पक्ष के साथ ईमानदारी से बातचीत करे।
नरम पड़े चीन के तेवर
आपको बता दें कि ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच तनाव जारी है लेकिन 29-30 अगस्त की रात के बाद से चीन के साथ अब एलएसी को लेकर बराबरी पर बात हो रही है। पहले चीन पैंगोंग एरिया पर बात करने तक को राजी नहीं था लेकिन अब जब भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे की तीन अहम चोटियों पर कब्जा जमाकर अपनी पोजिशन मजबूत कर ली है, तो चीन के तेवर नरम पड़ गए हैं।
+ There are no comments
Add yours