कोच होता तो 10 बजे हार्दिक को ड्रिंक्स पर बुला लेता: युवी

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मुंबई
पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर ने भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ की टी20 फॉर्मेट में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर पाने की क्षमता पर सवाल उठाया। युवराज ने साथ ही कहा है कि भारतीय टीम को एक मनोवैज्ञानिक की जरूरत है, जो युवा खिलाड़ियों का ध्यान रख सके, खासकर युवा ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों का।

यूट्यूब पेज स्पोट्र्स स्क्रीन से बात करते हुए युवराज ने कहा, ‘इस टीम में कोई ऐसा नहीं है, जो टीम से मानसिकता को लेकर बात कर सके। पृथ्वी साव और ऋषभ पंत काफी प्रतिभशाली हैं, लेकिन काफी चौकसी और मीडिया होने के कारण आपको कोई चाहिेए होता है जिससे आप बात कर सको। टीम को एक अच्छे मनोवैज्ञानिक की जरूरत है, लेकिन उनका सम्मान किया जाना चाहिए।’

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युवराज ने कहा कि अलग अलग खिलाड़ियों के साथ अलग तरीके से पेश आना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘मैं कोच होता तो जसप्रीत बुमराह को रात 9 बजे गुडनाइट बोल देता और हार्दिक पंड्या को रात 10 बजे ड्रिंक्स के लिए बाहर ले जाता। अलग-अलग लोगों से अलग तरीके से पेश आना पड़ता है।’

उन्होंने कहा, ‘हार्दिक पंड्या में काफी प्रतिभा है। किसी को उनकी मानसिकता के साथ काम करने की जरूरत है, ताकि वह मुश्किल स्थिति में अच्छा कर सकें। अगर कोई उनकी मानसिकता के साथ काम कर सकता है तो वह अगले वर्ल्ड कप में काफी बड़े खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।’

पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, ‘रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। टीम ऑस्ट्रेलिया में जीती। एक कोच के तौर पर वह कैसे हैं, मैं नहीं जानता। मैं उनके मार्गदर्शन में कम ही खेला हूं। मैं जानता हूं कि आप हर खिलाड़ी के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं कर सकते। हर खिलाड़ी के साथ तरीके अलग होते हैं और मैं इस कोचिंग स्टाफ में वह नहीं देखता।’

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उन्होंने कहा, ‘आपके पास बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर हैं। वह मेरे सीनियर रहे हैं। जब मैं राज्य के लिए खेल रहा था तो कई बार मेंटॉर भी, लेकिन पूरे सम्मान के साथ अगर किसी ने लंबे समय तक उस स्तर की क्रिकेट नहीं खेली है और ऐसे में युवा पीढ़ी जो टी20 तथा छोटे फॉर्मेट की आदी है.. आप उन्हें क्या बताएंगे? वह उन्हें तकनीक बताएंगे लेकिन कोई उनसे मानसिक पक्ष पर बात करने के लिए नहीं होगा।’

राठौड़ को पिछले साल संजय बांगड़ की जगह बल्लेबाजी कोच बनाया गया है। राठौड़ ने भारत के लिए 1996 से 1997 के बीच 6 टेस्ट और 7 वनडे खेले हैं।

38 वर्षीय युवराज ने सुनील जोशी की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि चूंकि उन्होंने भारत के लिए ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली है तो उनकी मानसिकता फैसलों को चुनौती देने वाली नहीं होगी।

युवी ने कहा, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि चयनकर्ताओं को फैसलों को चुनौती देने वाला होना चाहिए, लेकिन आपके चयनकर्ताओं ने सिर्फ चार-पांच मैच वनडे मैच खेले हों, तो उनकी मानसिकता उसी तरह की होगी। यह चीजें तब नहीं होती थी जब सौरभ गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे। 2011 वर्ल्ड कप में हमारे पास अच्छी खासी अनुभवी टीम थी।’

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