कोरोना के खिलाफ जंग में पूरी दुनिया भारत के प्रयासों और कदमों की सराहना कर रही है। दुनिया के कई विकसित देशों में जिस तेजी से कोरोना फैला वैसे में विशेषज्ञ मानकर चल रहे थे कि भारत को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मुस्तैदी और जल्दी लॉकडाउन के कारण यहां कोरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रही है। यहां तक कि अमेरिका, इटली जैसे विकसित देशों की तुलना में भारत ने तेजी से कदम उठाए और इस बीमारी को बड़े पैमाने पर फैलने से रोका।
लॉकडाउन के कारण कम हुआ संक्रमण
बुधवार को देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 31,332 हो गई है और 1,007 लोगों की इस जानलेवा बीमारी के कारण मौत हुई है। कई विशेषज्ञों का मानना कि देश में जारी लॉकडाउन के कारण कोरोना का संक्रमण ज्यादा नहीं हुआ।
पीएम मोदी ने लिया तुरंत फैसला
पीएम मोदी ने 14 अप्रैल को देश में लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘भारत मुसीबत के बढ़ने का इंतजार नहीं सर सकता है। जैसे ही यह संकट सामने आया हमने तुरंत फैसला किया।’
अमेरिका, इटली की तुलना में जल्दी लॉकडाउन
भारत में जब कोरोना के 519 केस थे तभी भारत ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। वहीं, जब इटली में 9,200 से ज्यादा मरीज हुए तब उसने लॉकडाउन की घोषणा की जबकि ब्रिटेन में जब करोना के 6,700 केस हो गए तब उसने लॉकडाउन की घोषणा की। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने हम मोर्चे कोरोना से जंग के खिलाफ हर मोर्चे पर तेजी दिखाई।
विदेशों से एंट्री पर सख्ती, रोक
भारत ने 11 मार्च को टूरिस्ट वीजा सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा भारत ने कोरोना से प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन करने का फैसला किया था। इसके अलावा भारत ने टेस्ट भी बड़े पैमाने पर कराया है। सरकारी आंकड़े के अनुसार, सवा 6 लाख से ज्यादा टेस्ट भारत में अभी तक हुए हैं। जो दक्षिण कोरिया से भी ज्यादा है।