मौजूदा दौर में कम्युनिटी रेडियो पर विज्ञापन का अनुपात 7 मिनट प्रति घंटा है, जिसे बढ़ाकर 12 मिनट प्रति घंटा किया जाएगा। जाहिर है कि इस बढ़े हुए समय से कम्युनिटी रेडियो को आर्थिक लाभ होगा। सरकार का मानना है कि इससे कम्युनिटी रेडियो को अपने लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। वहीं सरकार ने ऐलान किया कि कम्युनिटी रेडियो की भूमिका, दायरे और असर को देखते हुए जल्द ही देश में कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों की संख्या में बढ़ाई जाएगी।
फिलहाल देश में 290 कम्युनिटी रेडियो स्टेशन हैं, जिनकी पहुंच देश की लगभग नौ करोड़ आबादी तक है। आमतौर पर 12 से 15किलोमीटर के दायरे वाले ये रेडियो स्टेशन समुदायों द्वारा उनकी स्थानीय भाषा एवं बोली में चलाए जाते हैं। वहीं कम्युनिटी रेडियो पर समाचारों की बढ़ती मांग को देखते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में एफएम रेडियो की तरह यहां भी समाचारों के प्रसारण पर विचार किया जा सकता है।
कोरोना संकट में उन्होंने कम्युनिटी रेडियो की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि थोड़ी सावधानी और जागरूकता रखते हुए हम दूसरी बीमारियों की तरह इस बीमारी से भी बाहर निकलने में सफल होंगे। वहीं उनका कहना था कि कम्युनिटी रेडियो फेक न्यूज की समस्या से निपटने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। ध्यान रहे है कि सरकार ने फिलहाल कम्युनिटी रेडियो की भूमिका को देखते हुए देश में कम्युनिटी रेडियो समर्थन अभियान चला रखा है, जिसके लिए 25 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। कम्युनिटी रेडियो स्टेशन की स्थापना का लगभग 75 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देती है।
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