कोरोना का टीका, ICMR पर बरसे येचुरी

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नई दिल्ली
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देश में बन रही वैक्सीन को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। माकपा महासचिव ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना वायरस का टीका बनाने की प्रक्रिया तेज करने की कोशिश कर रही है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसके संबंध में घोषणा कर सकें।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान ‘आदेश के अनुसार’ नहीं किया जा सकता। आईसीएमआर ने कोविड-19 का स्वदेशी टीका चिकित्सकीय उपयोग के लिए 15 अगस्त तक उपलब्ध कराने के मकसद से चुनिंदा चिकित्सकीय संस्थाओं और अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें।

येचुरी ने ट्वीट से किया हमला
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘टीका वैश्विक महामारी के लिए सबसे निर्णायक समाधान होगा। विश्व ऐसे सुरक्षित टीके का इंतजार कर रहा है, जिसकी दुनियाभर में पहुंच हो।’ उन्होंने कहा,’लेकिन वैज्ञानिक अनुसंधान आदेश के हिसाब से नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य एवं सुरक्षा नियमों संबंधी सभी नियमों को दरकिनार कर कोविड-19 के उपचार के लिए स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ताकि प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसकी घोषणा कर सकें। इसकी मानव जीवन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।’

आईसीएमआर पर चिकित्सक संस्थाओं को धमकाने का आरोप
येचुरी ने आईसीएमआर पर ‘संस्थाओं से अपने अनुसार काम कराने के लिए धमकियों का इस्तेमाल’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में निम्स जैसे कुछ संस्थान राज्य सरकार के संस्थान हैं। येचुरी ने पूछा, ‘क्या तेलंगाना सरकार ने अनुमति दी?’ परीक्षणों के संबंध में कई सवाल पूछते हुए येचुरी ने कहा, ‘इस परीक्षण में कितने लोगों पर अध्ययन किया जाएगा? क्या 14 अगस्त तक पहले, दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण पूरे कर लिए जाएंगे और उनका विश्लेषण पूरा कर लिया जाएगा। स्वतंत्र डेटा सुरक्षा निगरानी समिति (डीएसएमसी) के सदस्य कौन हैं? कुछ गंभीर सवालों के जवाब दिए जाने की आवश्यकता है।’

आईसीएमआर की जवाबदेही पर खड़े किए सवाल
उन्होंने सवाल किया कि डीसीजीआई द्वारा टीके के सुरक्षित होने और उसके प्रभावी होने के सबूत का आकलन न किए जाने के बावजूद आईसीएमआर टीका उपलब्ध कराने की तिथि कैसे तय कर सकती है। येचुरी ने कहा, ‘एक निजी कंपनी की ओर से विकसित किए जा रहे टीके के परीक्षण के लिए आक्रामकता के साथ दबाव बनाने में आईसीएमआर की क्या जवाबदेही है?’

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