मेरठ में तैयार बल्लों से खेलते हुए खिलाड़ी, जब क्रिकेट मैदान में रनों की बौछार करते हैं तो अनायास ही सबका ध्यान यहां की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की तरफ आकर्षित होता है। लेकिन अब कोरोना का ‘बाउंसर’ यहां की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भी घायल करता दिख रहा है। खेलों के सामान का एक्सपोर्ट थम गया है। खेल के मैदान खाली हैं।
कारोबारी राकेश महाजन का कहना है कि कोरोना वायरस का सबसे अधिक असर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर पड़ा है। मेरठ में सभी तरह के स्पोर्ट्स का सामान बनता है। बल्ले, बॉल, पैड समेत क्रिकेट से जुड़े कई सामान यहां तैयार होते हैं। महाजन का कहना है कि कोरोना ने एक्सपोर्ट के साथ ही लोकल मार्केट भी ठप कर दिया है।
खेल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि आईपीएल सीजन शुरू होते ही खेल के मैदानों पर युवाओं, बच्चों की भीड़ उमड़ जाती है। इससे लोकल मार्केट में क्रिकेट के सामान की जमकर बिक्री होती है। मगर कोरोना वायरस के चलते आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही बच्चों ने भी खेल के मैदानों से दूरी बना ली है।
सभी खेल अकैडमियों को बंद कर दिया गया है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार भामाशाह पार्क, करन क्रिकेट अकैडमी, गांधीबाग, छाया कराना महिला क्रिकेट अकैडमी सहित शहर की अन्य सभी अकैडमी बंद हैं। वहीं, कैलाश प्रकाश स्टेडियम प्रशासन ने एक दूसरे को टच करने वाले खेलों जैसे, कुश्ती, जूडो, कबड्डी और बॉक्सिंग आदि खेलों पर फिलहाल रोक लगा दी है।
दुनिया भर में फैले घातक कोरोना वायरस के चलते मेरठ की इंडस्ट्री में पहले से तैयार पड़ा माल भी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत कई देशों में एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा है। कारोबारियों का कहना है कि समझ नहीं आ रहा कि आईपीएल 2020 के लिए फैक्ट्रियों में तैयार किए गए करोड़ों रुपये के माल का क्या करें?
इसके साथ ही हॉकी, टेनिस, ऐथलेटिक्स, टेबल टेनिस, जिम, बॉलिवॉल और फुटबॉल आदि का सामान बनाने वाले कारोबारी भी संकट से जूझ रहे हैं। खेल कारोबारी विनीत का कहना है कि मेरठ में देश के अन्य शहरों और विदेश से भी खिलाड़ी और कारोबारी स्पोर्ट्स का सामान खरीदने के लिए आते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के चलते इनकी आवाजाही पर रोक लग जाने से कारोबार ठप हो गया है।