राजस्थान सरकार के डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बार फिर राज्य के मुखिया सीएम अशोक गहलोत की टेंशन बढ़ा दी है। पायलट ने लॉकडाउन से लेकर वायरस पर प्रभावित नियंत्रण का मॉडल बने भीलवाड़ा और इस विकट स्थिति में राजनीति पर खुलकर अपनी बात रखी है। गहलोत जहां काम-धंधे, इंडस्ट्री बंद होने और गरीब-मजदूर की तंगी का हवाला देते हुए जल्द लॉकडाउन के बारे में सोचने की बात कह रहे हैं, वहीं पायलट ने ऐसे किसी निर्णय के बारे में सोचना अभी जल्दबाजी बताया है।
प्रदेश में तेजी से पैर फैलाते कोरोना वायरस ने जहां हर आम से खास की धड़कनें बढ़ा रखी हैं, वहीं इसी बीच गुरुवार को सीएम गहलोत ने 460 केवीएसएस और जीएसएस को किसानों के लिए खोलने का निर्णय लिया है।
उधर, सोशल मीडिया पर पायलट ने अपना एक इंटरव्यू को शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कई जिलों में कोरोना नहीं पहुंचा है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वहां लॉकडाउन हटा दिया जाए या कोई भी लापरवाही बरती जाए। ऐसे में प्रदेश सरकार और खुद सीएम गहलोत को अपने इस फैसले को लेकर टेंशन होना स्वाभाविक है।
24 घंटे में 100 से ज्यादा नए रोगी, पायलट बोले-किसी भी सूरत में सेफ जोन में नहीं
राजस्थान में कोरोना के संक्रमण में अचानक तेजी आई है। पिछले 24 घंटों में 100 से अधिक नए रोगी मिले हैं। इनमें 39 अकेले जयपुर से हैं। जयपुर और जोधपुर में 1-1 मौत भी हो चुकी है। पायलट का ऐसी स्थित में कहना है कि ‘हमें लॉकडाउन को खत्म करने का कोई फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। हमें अंतिम निर्णय के लि 14 अप्रैल तक और इंतजार करना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब हम किसी भी सूरत में सेफ जोन में नहीं हैं।’
पायलट ने कहा है कि यदि वायरस का संक्रमण के चौथे स्टेज में पहुंचते हैं तो भारत जैसे देश के लिए मौजूदा चिकित्सा साधन-सुविधाओं के दम पर जरूरतें पूरी करना लगभग असंभव होगा। हमें अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों के अनुभव से सीखना होगा।
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दलगत राजनीति को पीछे छोड़ने का वक्त
पायलट ने अपने इस इंटरव्यू में कहा कि यह हम सबके लिए मुश्किल समय है और हमें अब पक्ष-विपक्ष, सरकार, विचारधारा सबको पीछे छोड़कर ‘एक राष्ट्र एक व्यक्ति’ के रूप में इंसानियत के लिए एकजुट होकर लड़ने का समय है। देश की जनता हम सबसे यही उम्मीद रखती है। केंद्र सरकार से मदद पर पायलट ने कहा कि इस समय हर राज्य को आर्थिक मदद की जरूरत है। केंद्र सरकार ने इसके लिए घोषणा कर दी है, लेकिन जो राज्य कोरोना के भारी संक्रमण से जुझ रहे हैं उन्हें स्पेशल आर्थिक पैकेज की जरूरत है।
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बड़े स्तर पर लोगों की स्क्रीनिंग, सैंपलिंग की जरूरत
भीलवाड़ा का जिक्र करते हुए पायलट ने इसे कोरोना संक्रमण रोकने में में लॉकडाउन और महाकर्फ्यू की बात कही। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर लोगों को स्क्रीनिंग, सैंपलिंग और प्रभावित इलाकों में पूरी तरह आवाजाही पर रोक कारगर साबित हुई। देश के कई जिलों में अब तक कोविड-19 को कोई केस नहीं और इससे अछूते हैं, लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि वहां अगले 2-3 हफ्ते में लॉकडाउन हटा लिया जाए।
कोरोना टेस्टिंग पर केरल के बाद राजस्थान के दूसरे नंबर पर होने के बाद भी पायलट ने रेंडम सैंपलिंग और टेस्टिंग पर जोर दिया है। सीएम गहलोत के स्वाइन फ्लू के दौर में तैयार इंफ्रास्ट्रेक्चर के दावों के उलट पायलट ने चीन से किट इंपोर्ट करने और रेंडम टेस्ट पर जोर देने की बात कही है।
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