कोरोना: खुद PM की नजर, रोज कर रहे समीक्षा

1 min read

नई दिल्लीसूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए सरकार पूरी तत्परता से सक्रिय है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री स्थिति की हर दिन समीक्षा कर रहे हैं।

छात्रों में जागरूकता फैलाने के निर्देश
जावड़ेकर ने बताया कि देश के 21 हवाई अड्डों पर यात्रियों की नियमित तौर पर स्क्रीनिंग की जा रही है और इस प्रक्रिया से अब तक 6 लाख लोग गुजर चुके हैं। दूसरी तरफ, मानव संसाधन मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर छात्रों में जागरूकता फैलाने के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों और सीबीएसई को निर्देश दिया है।

पढ़ें:

अब तक 1 लैब था, 15 और लैब शुरू हो गए
कैबिनेट की बैठक के बाद जावड़ेकर ने बताया कि पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान और म्यांमार से लगी सीमा से भारत आने वाले दस लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने कोरोना वायरस से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए पहले सिर्फ पुणे स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रयोगशाला का ही विकल्प मौजूद था। लेकिन अब टेस्ट की सुविधा का विस्तार कर 15 और लैब शुरू की गईं हैं और 19 अन्य परीक्षण केन्द्र शुरू किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

पढ़ें:

देश में अब तक 28 मामलों की पुष्टि, 3 मरीज ठीक हुए
जावड़ेकर ने कहा, ‘कोरोना वायरस से उपजे हालात से सरकार मुस्तैदी से निपट रही है। प्रधानमंत्री खुद प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।’ बता दें कि भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 28 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें इटली के 16 पर्यटक भी शामिल हैं। जावड़ेकर ने कहा कि भारत ने एहतियाती कदम उठाते हुए कुछ देशों की ‘वीजा ऑन अराइवल’ सुविधा निलंबित कर दी है।

पढ़ें:

ईरान में फंसे भारतीयों को मदद पहुंचाने की कोशिश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि भारत का इरादा ईरान में एक लैब स्थापित करने का है ताकि वहां से भारतीयों को वापस लाने से पहले उनकी कोरोना वायरस की जांच की जा सके। ईरान सरकार ने अभी तक इसके लिए अनुमति नहीं दी है। अनुमान के मुताबिक करीब 1200 भारतीय वर्तमान में ईरान में हैं जिसमें से अधिकतर छात्र और तीर्थयात्री हैं। हर्षवर्धन ने कहा, ‘यदि ईरान सरकार अपना सहयोग दे तो वहां भी एक जांच सुविधा की स्थापना की जा सकती है ताकि भारतीयों को वापस लाने से पहले वहां उनकी जांच की जा सके।’
(एजेंसियों से इनपुट के साथ)

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours