कोरोना ने बदले क्रिकेट के नियम, कैसा होगा रंग-रूप

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नई दिल्ली
के चलते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर लगा ब्रेक अब हल्का होने वाला है। आठ जुलाई से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज होगा। इस सीरीज में तीन मैच खेले जाएंगे। पहला मैच साउथहम्पन में और बाकी दो ओल्ड ट्रेफर्ड में खेले जाएंगे। इसके साथ ही करीब चार महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत हो जाएगी। मंगलवार को जेसन होल्डर की अगुआई वाली टीम मेनचेस्टर पहुंच गई।

दो चार्टेज प्लेन से जब टीम वहां पहुंची तो कप्तान होल्डर के अलावा तेज गेंदबाज केमार रोच और ऑलराउंडर रहकीम कॉर्नवाल ने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। इंग्लैंड आने से पहले वेस्टइंडीज की पूरी टीम और सपॉर्ट स्टाफ की कोरोना जांच की गई जो नेगेटिव आई। इंग्लैंड पहुंचने के बाद टीम की दोबारा जांच की जाएगी।

आईसीसी की बैठक, कोविड दौर में क्रिकेट पर फैसला
मंगलवार को आईसीसी की बैठक में टेस्ट मैच के दौरान किसी खिलाड़ी में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर उसकी जगह सब्सिट्यूट खिलाड़ी को उतारा जा सकेगा। कोरोना महामारी के खतरे के मद्देनजर खेलने के नियमों में अंतरिम बदलावों के तहत गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थायी प्रतिबंध जारी रहेगा और साथ ही द्विपक्षीय सीरीज में स्थानीय अंपायरों को भी मंजूरी दे दी गई।

अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति ने ये सुझाव दिये थे ताकि क्रिकेट बहाल होने पर कोरोना महामारी के चलते खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसे आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की समिति ने मंजूरी दे दी। टीमों को एक अतिरिक्त डीआरएस भी मिलेगा क्योंकि अब से द्विपक्षीय टेस्ट श्रृंखलाओं में स्थानीय अंपायर होंगे । इसके अलावा खिलाड़ियों की जर्सी पर 32 इंच के अतिरिक्त लोगो की भी अनुमति दे दी गई है ताकि कोरोना संकट के कारण आर्थिक नुकसान उठा रहे बोर्ड कमाई कर सकें। इसमें यह भी कहा गया ,‘‘ यह नियम वनडे या टी20 में लागू नहीं होगा।’

‘लार नहीं तो जल्दी बदलें गेंद’
भारत के महान बल्लेबाज सचिन ने कहा कि आईसीसी एक टेस्ट पारी में 50 ओवरों के बाद दूसरी नई गेंद का इस्तेमाल करने के बारे में सोच सकती है। अभी 80 ओवर के बाद गेंद बदली जाती है।

सचिन का मानना है कि ठंडे मौसम में जब खिलाड़ी ज्यादा पसीना नहीं बहाते हैं, तो गेंद को चमकाना ज्यादा मुश्किल हो जाएगा और गेंदबाजों के लिए ज्यादा नुकसानदेह होगा। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, ‘गेंद को चमकाने के लिए लार की गैर मौजूदगी में प्रत्येक पारी में कुछ निश्चित मात्रा में मोम का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए।’

ली बोले गेंदबाजों के लिए बने मददगार पिच
ब्रेट ली ने सचिन के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘यह एक मुश्किल फैसला है क्योंकि यह कुछ ऐसा है, जिसे हमने अपने पूरे जीवन के दौरान किया है। आठ-नौ साल की उम्र से ही हमें गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था। इसलिए, अगर अचानक आपको कुछ अलग बताया जाएगा है तो आप वैसा नहीं कर सकते। इस पर पॉलिश करना बहुत मुश्किल होगा।”

उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में गेंदबाजों के लिए यह काफी कठिन होगा। ली ने कहा कि ऐसे में अधिक स्पोर्टिंग विकेट बनाने की जरूरत होगी जो गेंजबाज और बल्लेबाज को समान रूप से मदद करे।

ब्रेट ली ने कहा, “मैं हरी पिच की बात नहीं कर रहा हूं, जहां पर टीम 130 या उससे ज्यादा पर ऑल आउट हो जाती है। लेकिन, आपको तेज गेंदबाजों के लिए कुछ तो करने की जरूरत है।’

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