पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 से पूरी दुनिया लड़ रही है और भारत भी इसमें पीछे नहीं है। पर हर देशवासी अब इस आपदा को अवसर में बदलने की इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है। पीएम मोदी ने देशवासियों और उद्योग जगत से अपील की जिस क्षेत्र में भारत पिछड़ा हुआ है वहां आत्मनिर्भर बनने का यही मौका है। उन्होंने कहा कि आज हमारे मन में एक बड़ा काश बन रहा है।
पीएम ने बताया, भारतीयों के मन में हैं कितने काश….
मोदी ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (Indian Chamber of Commerce) कहा कि आज हर भारतीय के जेहन में यह सवाल होगा कि काश हम मेडिकल उपकरण बनाने के क्षेत्र मे आत्मनिर्भर हो जाएं। काश हम कोयला और खनिज सेक्टर में आत्मनिर्भर हो जाएं। काश हम खाने के तेल के उत्पादन में आगे बढ़े। फर्टिलाइजर के उत्पादन में काश भारत आत्मनिर्भर बन जाए। इलेक्ट्रॉनिक मैनिफैक्चर के क्षेत्र में काश भारत आत्मनिर्भर हो जाए। सोलर पैनल, बैट्री और चिप्स के निर्माण में भारत अपना पताका लहराए। उड्यन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बने। तभी हम आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे कितने काश हमेशा से हर भारतीय को झकझोरते रहे हैं। बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। कोरोना संकट ने इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है आत्मनिर्भर भारत अभियान।
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मुसीबत की दवाई मजबूती है
उन्होंने कहा कि मुसीबत की दवाई मजबूती है। मुश्किल समय ने हर बार भारत की इच्छाशक्ति को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद हमें आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। हर भारतीय के मन में इस दिशा में कदम उठाने से पहले एक सवाल उठता होगा कि भारत इन-इन क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर हो जाए।
कोरोना को पछाड़ेंगे
पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम पूरी शिद्द से लगे हुए हैं और इसपर विजय पाकर रहेंगे। हमारे कोरोना योद्धा लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें इस आपदा को अवसर में बदलना है। यह आपदा हमारे देश के लिए बड़ा टर्निंग पाइंट बना है। हम कोविड-19 को पछाड़कर इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।
लोकल से वोकल और एक्सपोर्टर बनने का समय
पीएम ने कहा, ‘परिवार में भी संतान बेटा या बेटी जब 18-20 साल का हो जाता है तो माता-पिता कहते हैं कि अपने पैरों पर खड़ा होना सीखो। यह एक तरह से आत्मनिर्भर भारत का पहला पाठ परिवार से ही सीखते हैं। भारत को भी अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। भारत दूरे देशों पर अपनी निर्भरता कम से कम करे। हर वो चीज जिसे इम्पोर्ट करने के लिए देश मजबूर है वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं प्रोडक्ट का भारत एक्पोर्टर कैसे बने। इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है। लोकल के लिए वोकल होने का समय है। हर देश, जिले और प्रदेश को आत्मनिर्भर करने का समय है।’
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