कोरोना वायरस टेस्ट के लिए 52 प्रयोगशालाएं

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नई दिल्ली
भारत में के अब तक 34 सत्यापित मामले सामने आ चुके हैं। केंद्रीय ने इस बीमारी का पता लगाने के लिए 52 प्रयोगशालाओं को संबंधित नमूनों के परीक्षण के लायक बनाया है जबकि 57 प्रयोगशालाएं नमूनों के संग्रहण में मदद करेंगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रभावित देशों की यात्रा कर चुके और इस रोग के लक्षण नजर आ रहे संदिग्ध मामलों के परीक्षण नमूनों का बोझ बढ़ जाने के बाद स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/आईसीएमआर ने भारत में 52 प्रयोगशालाओं को कोविड -19 परीक्षण के लायक बनाया है।’

6 मार्च तक 3404 व्यक्तियों के 4058 नमूनों का परीक्षण किया गया। उनमें के वुहान से लाए गए और आईटीबीपी और मानेसर कैंप में अलग रखे गए 654 व्यक्तियों के 1308 नमूने शामिल हैं। दरअसल उनका दो बार परीक्षण किया गया, पहला परीक्षण पहले दिन और दूसरा परीक्षण 14 दिन के बाद किया गया। उसके बाद, वुहान और जापान के डायमंड प्रिंसेज शिप से निकाले गए अन्य 236 व्यक्तियों का परीक्षण किया गया। उनका भी दो बार परीक्षण किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने फेस मास्क का बहुत अधिक दाम वसूल रहे लोगों के खिलाफ शुक्रवार को कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है।

कोरोना वायरस के मुद्दे पर बुलाई गई समीक्षा बैठक में उन्होंने राज्यों द्वारा अलग केंद्र, अलग वॉर्ड और परीक्षण प्रयोगशालाएं सक्रिय रखने के महत्व पर बल दिया। भारत में अब तक इस संक्रमण के 31 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें 16 इटली के हैं। करीब 29 हजार लोग चिकित्सकीय निगरानी में रखे गए हैं। आंध्रप्रदेश में तिरुपति के श्री वेंकेटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान, विशाखापट्टनम के आंध्र मेडिकल कॉलेज और अनंतपुर के जीएमसी तथा असम में गुवाहाटी के गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ को क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र परीक्षण के लिए सक्रिय किया गया है।

बिहार में पटना के राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान, चंडीगढ़ के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र और छत्तीसगढ़ के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को इस विषाणु के परीक्षण का जिम्मा दिया गया है। दिल्ली में एम्स, गुजरात में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, अहमदाबाद के बी जे मेडिकल कॉलेज और जामनगर के एम पी शाह सरकारी मेडिकल कॉलेज में इस वायरस के परीक्षण की व्यवस्था की गई है। मध्यप्रदेश में भोपाल के एम्स, जबलपुर के राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान को कोरोना वायरस के परीक्षण के लायक बनाया गया है।

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