पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine Updates) के लिए रिसर्च युद्धस्तर पर जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल से शुरू तक इस जानलेवा बीमारी की कोई वैक्सीन आ जाएगी। इस बीच, भारत में वैक्सीन को लेकर अब अगले चरण की तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल, केंद्र ने राज्यों से कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज को लेकर पर्याप्त क्षमता तैयार करने और उसके बांटने के प्लान पर उनकी राय भी मांगी है।
दूरदराज के इलाके तक वैक्सीन पहुंचाने के प्लान पर काम
बताया जा रहा है कि इसके पीछे का आइडिया यह है कि जैसे ही वैक्सीन बाजार में आए उसे देश के दूर-दराज के लोगों तक भी तुरंत पहुंचाने की व्यवस्था हो। केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से वैक्सीन के भंडारण और उसके रखरखाव की तैयारी करने को कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिखी राज्यों को चिट्ठी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है, ‘कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए इसके खिलाफ प्रभावशाली प्रतिरक्षा (Immunisation) जरूरी है और इसके लिए वैक्सीन की भंडारण और रखरखाव की क्षमता भी उतनी ही जरूरी है।’
कुल 5 वैक्सीन ट्रायल के अगल-अलग चरण में
बता दें कि इस वक्त भारत में तीन वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। इसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और अस्त्राजेनेका की वैक्सीन तो ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच चुकी है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन का ट्रायल कर रही है और यह अस्त्राजेनेका के साथ मध्य और निम्न आय वाले देशों के लिए वैक्सीन पार्टनर भी है। देश में दो स्थानीय वैक्सीन भी दूसरे चरण का ट्रायल पूरा कर रही है। इनमें भारत बायोटेक और कैडिला फार्मास्युटिकल्स की वैक्सीन शामिल है।
‘वैक्सीन के वितरण के लिए अभी से ही प्लानिंग की जरूरत’
ग्लोबल हेल्थ और बायोटिक्स ऐंड हेल्थ पॉलिसी के रिसर्चर अनंत भान ने कहा, ‘वैक्सीन के रखरखाव का काम अहम रहने वाला है। इसमें केंद्र और राज्यों को अपने ढांचे को दुरुस्त करना होगा। इसमें वैक्सीन के तापमान से लेकर हर तरह की चीज पर ध्यान देना होगा। इसके आलावा दूरदराज के क्षेत्रों में वैक्सीन को पहुंचाने के लिए अतिरिक्त संसाधन की जरूरत होगी।’ उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी से ही प्लानिंग की जरूरत है।