'कोरोना संकट में जरूरी है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस'

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नई दिल्ली
से निपटने के लिए सरकार ने कई नए तरीकों का भी सहारा लिया। केंद्र सरकार ने लोगों से ‘आरोग्य सेतु’ ऐप डाउनलोड करने की भी अपील की। इस ऐप को लेकर विपक्ष ने आरोप भी लगाए कि यह लोगों की प्रिवेसी के लिए खतरा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘आरोग्य सेतु’ लोगों की प्रिवेसी का पूरा खयाल रखता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट ने पूरी दुनिया नुकसान पहुंचाया है और ऐसे में और ज्यादा मजबूती के साथ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस्तेमाल करने की जरूरत है।

के ‘आर्टिफिशल इंटेलिजेंस’ विषय पर आयोजित ग्लोबल वेबिनार में प्रसाद ने कहा कि सरकार समाज के फायदे और समावेशी विकास के लिए तकनीक का इस्तेमाल और ज्यादा बढ़ाना चाहती है। सरकार चाहती है कि देश में ही तकनीक पर शोध हो और उसका विकास हो जिससे की स्टार्टअप का भी अच्छा माहौल तैयार हो सके।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समावेशी विकास के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, ‘कृषि,स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्वेषण के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारा मंत्रालय इसपर काम कर रहा है। उदाहरण के लिए हम मौसम की भविष्यवाणी करके फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रवेसी से संबंधित जो समस्याएं उठाई जा रही हैं, डेटा प्रोटेक्शन बिल उन सबका समाधान कर देगा।

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को लेकर कुछ शंकाएं हैं। ‘मान लीजिए कोई कार AI से चल रही है और ऐक्सिडेंट हो जाता है और किसी की जान चली जाती है। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? इसलिए आर्टिफिशल इंटैलिजेंस का इस्तेमाल बड़े स्तर पर करने से पहले नैतिक बातों का भी ध्यान रखना होगा।’

प्रसाद ने कहा कि यूनिवर्सिटी के वेबिनार में हिस्सा लेना उनके लिए सुखद अनुभव है। इस वेबिनार में और भी कई बड़े नाम शामिल थे। गूगल रिसर्च (भारत) के डायरेक्टर मनीष गुप्ता, IBMs इंडिया ऐंड साउथ एशिया के जीएम संदीप पटेल ने इस वेबिनार में हिस्सा लिया। बेनेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर आरके शिवगांवकर ने स्वागत भाषण दिया।

प्रसाद ने कहा कि वह बेनेट यूनिवर्सिटी आना चाहते थे लेकिन डिजिटल तरीके से भी जुड़ना अच्छा अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार लोगों की मदद के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रही है। इसी तरह कोरोना से बचाने में आरोग्य सेतु मदद कर रहा है और लोगों को सावधान कर देता है। इस ऐप को लगभग 11 करोड़ लोग डाउनलोड कर चुके हैं। इसमें इंडिविजुअल डेटा 30 दिन में डिलीट हो जाता है। अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है तो डेटा 180 दिन में डिलीट कर दिया जाता है।’

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