कोरोना (Corona In Mumbai) से बुरी तरह जूझ रही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को बचाने के लिए अब खुद मेयर (Mumbai Mayor) जमीन पर उतर आई हैं। () सोमवार को नर्स की ड्रेस में देखी गईं। मेयर पेश से नर्स रही हैं, ऐसे में वह मुश्किल हालात में मुंबई को बचाने के लिए अस्पताल में पहुंचीं। के लगातार बढ़ते मामलों के बीच किशोरी पेडणेकर ने स्वास्थ्यकर्मियों को हौसला देने के लिए यह कदम उठाया है।
मुंबई को कोरोना से बचाने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कमर कस ली है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में मेडिकल स्टाफ पर काम का तनाव ज्यादा है। नर्स की पढ़ाई कर रही छात्राओं का हौसला बढ़ाने के लिए मुंबई की मेयर खुद नर्स के कपड़ों में बीएमसी के नायर अस्पताल में पहुंचीं। नायर अस्पताल में नर्सिंग का कोर्स कर रही सेकंड और थर्ड इयर की छात्राओं का हौसला बढ़ाने के लिए मेयर किशोरी पेडणेकर ने लेक्चर भी लिया।
नर्सिंग स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाने पहुंचीं मेयर
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने बीएमसी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की मदद के लिए अब सेकंड और थर्ड इयर में पढ़ाई कर रही छात्राओं को भी ड्यूटी पर तैनात करने का फैसला लिया है। मेयर किशोरी पेडणेकर खुद भी पेशे से नर्स हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले किशोरी पेडणेकर मुंबई के अस्पताल में नर्स का ही काम करती थीं।
बेहतर काम करने वाली नर्स को मिलेगा मेयर कप
मेयर किशोरी पेडणेकर ने बताया, ‘नर्सिंग की पढ़ाई कर रही छात्र-छात्राएं इस फील्ड को सोच समझकर चुन रही हैं, ऐसे में आज यह मौका है कि हम सब बढ़-चढ़कर इस संकट की घड़ी में देश सेवा के काम में सहयोग दें। ऐसे में हम चाहते है कि नर्सिंग की फर्स्ट और सेकंड इयर में पढ़ाई करने वाली छात्राएं इस महामारी के संकट में अपना योगदान दें। हालांकि, हम किसी भी छात्र पर दबाव नहीं डालेंगे, जो अपनी सेवा देना चाहते हैं उनका स्वागत है। जो छात्राएं इस महामारी में ड्यूटी करेंगी, उनके प्रोत्साहन के लिए हमने मेयर कप का इनाम रखा है। जो बेहतर काम करेगा, उसे यह मेयर कप इनाम भी दिया जाएगा।’
मुंबई में घट रहे हैं कंटेनमेंट जोन
पिछले हफ्ते मुंबई में कंटेनमेंट जोन की कुल संख्या 1036 थी। अब मुंबई में कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर अब 805 हो गई है। मुंबई के 231 इलाके अब कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गए हैं। इसके बावजूद सरकार ने नॉन कंटेनमेंट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सूचना दी है कि पाबंदियां हटने के बावजूद भी आवश्यकता के अनुसार ही घर से बाहर निकलें। लोगों से कहा गया है कि वे बेवजह बाहर न घूमें।
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