'क्या कोरोना को पता है कि प्लेन में नहीं फैलना है'

1 min read

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ्लाइट में कंधे से कंधा मिलाकर बैठने से खतरा हो सकता है ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखना होगा। अदालत ने कहा कि सरकार को एयरलाइंस के कमर्शल स्वास्थ्य से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की चिंता होनी चाहिए। बाहर छह फिट की सोशल डिस्टेंसिंग है और अंदर बीच की सीट खत्म कर दी। क्या वायरस को पता है कि ये एयरक्राफ्ट है और यहां मुझे संक्रमण नहीं करना है।

सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में सोचना चाहिए- SCचीफ जस्टिस की बेंच ने पूछा कि सॉलिसिटर जनरल आप किसके लिए पेश हो रहे हैं। तब सॉलिसिटर ने कहा कि दोनों के लिए पेश हो रहे हैं। इंटरनैशनल फ्लाइट 7 मई से चल रहा है और इसके तहत संस्थागत 7 दिन के क्वारंटीन की व्यवस्था है और फिर सात दिन तक घर में अनिवार्य क्वारंटीन रखा जा रहा है। तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि केंद्र सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में सोचना चाहिए। कंधे से कंधा मिलाकर बैठना खतरे से खाली नहीं है। इंटरनेशनल या डोमेस्टिक किसी भी फ्लाइट में कोई फर्क नहीं है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कोई अंतर नहीं है। बेंच ने कहा कि इंटरनैशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट में कोई फर्क नहीं होना चाहिए। ये कॉमन सेंस है कि सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखना जरूरी है। बाहर छह फीट की सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने की बात है और अंदर आपने बीच की सीट भी खत्म कर दी?

सरकार ने किया ये दावासॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सीटों में अंतर से इतर बेस्ट प्रैक्टिस टेस्ट है और क्वारंटीन प्रक्रिया है। बेंच ने तब कहा कि क्या आप ये कहते हैं कि इससे किसी को फर्क नहीं होगा। क्या वायरस को पता है कि ये एयरक्राफ्ट है और यहां मुझे संक्रमण नहीं करना है। असलियत तो ये है कि आपको कहा गया है कि बीच के सीट को खाली रखें आपको लोगों को लाने से कोई नहीं रोक रहा है। तब सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक्सपर्ट का फैसला है कि बीच का सीट खाली न रखा जाए। हमारे पास बहुत एयरक्राफ्ट नहीं है। फ्लाइट यूएस का है और ज्यादातर बुकिंग हो चुकी है। बीच वाली सीट खाली रखने से प्रोटोकॉल मुद्दा आएगा। फैमिली की सीट एक जगह है।

सॉलिसिटर जनरल ने एससी को दिया ये जवाबइसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि अब आप बताएं कि क्या क्या सभी सीट बुक कर रहे हैं? मिडिल सीट भी? तो सॉलिसिटर जनरल ने कहा- हां। चीफ ने पूछा कि किस डेट तक बुकिंग है इस पर सॉलिसिटर जनरल ने 16 जून की तारीख बताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आमतौर पर हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में दखल नहीं देते। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि मुश्किल ये है कि पैसेंजर विदेश में हैं और उनके पास वैलिड टिकट है। बीच का सीट खत्म करने से लोगों को परेशानी होगी क्योंकि फैमिली साथ सफर कर रहे हैं। ऐसे में हम 10 दिन के लिए एयरइंडिया को इस बात की इजाजत देते हैं कि वह बीच वाली सीट के साथ फ्लाइट ऑपरेट करे। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही फ्लाइट ऑपरेट करे।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours