लखनऊ : लखनऊ में GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक खत्म हो गई। बैठक में पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने का प्रस्ताव नहीं रखा गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी। वित्त मंत्री ने काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का ये सही वक्त नहीं है।
इससे पहले पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के नाम पर कई राज्य इसके विरोध में खड़े हो गए थे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे से बाहर ही रखने को कहा है। ऐसे में ये प्रस्ताव खारिज हो सकता है।
दायरे में आता तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाता
अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में आता तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाता। अभी देश में कई जगहों पर पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है। लेकिन ऐसा होने पर राज्यों के राजस्व में घाटा होगा है।
आपको बता दें कि देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं जिससे आम जनता बेहाल है। इस बैठक से लोगों को पेट्रोल-डीजल की कीमत में राहत की उम्मीद थी।