क्यों खास है US प्रेजिडेंट ट्रंप का भारत आना

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नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की भारत यात्रा क्यों खास है? क्या इस दौरे का भारत-अमेरिका रिश्ते के अलावा ग्लोबल कूटनीति पर भी इसका असर होगा? किन मायनों में यह दौरा और खास हो गया है? ये सवाल तब उठे हैं जब ट्रंप का भारत दौरा तय हो चुका है और वह 24 और 25 फरवरी को भारत में होंगे। किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का भारत दौरा जनवरी 2015 में हुआ था जब बराक ओबामा गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने थे।

हालांकि इस साल के लिए गणतंत्र दिवस के लिए ट्रंप को न्योता भेजा गया था, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देकर उन्होंने मना कर दिया था। बुधवार को डॉनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों ने उम्मीद जताई कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रिश्ते और बेहतर होंगे।
आइए जानते हैं ट्रंप के भारत दौरे के क्या हैं मायने?

अमेरिका में चुनाव
ट्रंप का भारत दौरा तब हो रहा है जब अमेरिका में इसी साल प्रेजिडेंट चुनाव होने हैं और ट्रंप दूसरे टर्म के लिए दावा ठोक रहे हैं। जीतने के लिए उन्हें अमेरिका में बसे भारतीयों के समर्थन की भी जरूरत है। पिछले साल अमेरिका में पीएम मोदी के कार्यक्रम में ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा लग भी चुका है। जाहिर है कि ट्रंप अपने दौरे में इस जुड़ाव को और मजबूत करना चाहेंगे। अब तक के ट्रेंड को देखें तो अमेरिका में भारतीयों का अधिकतर वोट डेमोक्रेट्स को मिलता रहा है। वह इस बार ट्रेंड बदलना चाहेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रंप के लिए अहमदाबाद में हाउडी मोदी की तर्ज पर ” कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।

कश्मीर पर ‘ट्रंप’ कार्ड
पिछले 6 महीने भारत में कूटनीतिक स्तर पर उठापटक भरे रहे हैं। पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय करने का मामला हो या बाद में आया नागरिकता संशोधन कानून, पाकिस्तान सहित कुछ देशों ने इसके अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश की। अधिकतर देशों ने जहां दोनों ही मुद्दों को भारत का आंतरिक मामला बताया, वहीं ट्रंप का रुख उलझन भरा रहा। कई बार ट्रंप मध्यस्थता का प्रस्ताव दे चुके हैं। ऐसे में भारत ट्रंप के दौरे से इस मसले का स्थाई हल निकालना चाहेगा। साथ ही अगर ट्रंप पाकिस्तान नहीं जाते हैं तो ये भी बड़ा संदेश होगा।

ट्रे़ड डील पर नजर, बराबरी पर होगी बात
ट्रंप के दौरे के बीच दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर भी मुहर लग सकती है, जो पिछले कुछ महीनों से गतिरोध के कारण आगे नहीं बढ़ सकी है। अगर यह ट्रेड डील होती है तो सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिल सकती है। दरअसल, इस डील में अमेरिका कुछ खास रियायतों की मांग कर रहा है। भारत ने मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए अमेरिकी आईटी कंपनियों को मनमाना डील देने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा भारत अमेरिका से दोबारा स्पेशल स्टेटस बहाल करने की भी मांग कर रहा है।

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