विश्व ऐथलेटिक्स ने ऐथलीट आयोग, महाद्वीपीय संघों के प्रमुखों आदि से सलाह मशविरे के बाद मंगलवार को तोक्यो खेलों के लिए क्वॉलिफिकेशन समय छह अप्रैल से 30 नवंबर 2020 तक निलंबित कर दिया था। इस दौरान प्रतियोगिताओं में हासिल किए गए परिणाम पर तोक्यो खेलों के क्वॉलिफिकेशन मार्क या विश्व रैंकिंग के संदर्भ में विचार नहीं किया जाएगा। भारत के राष्ट्रीय उप मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा कि इस फैसले से कई भारतीय ऐथलीट निराश होंगे।
नायर ने एनआईएस पटियाला से कहा, ‘विश्व ऐथलेटिक्स का फैसला तेजिंदर पाल सिंह तूर (गोला फेंक), अनु रानी (भाला फेंक), एम श्रीशंकर (लंबी कूद) और फर्राटा धाविका दुती चंद के लिए करारा झटका है।’ स्टार धाविका हिमा दास ने भी अभी तक तोक्यो खेलों के लिए क्वॉलिफाइ नहीं किया है।
ओलिंपिक में पदक के दावेदार नीरज चोपड़ा, भाला फेंक के उनके साथी शिवपाल सिंह, चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम, के टी इरफान (पुरुष 20 किमी पैदल चाल), भावना जाट (महिला 20 किमी पैदल चाल) और अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज) पहले ही ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके हैं। विश्व संस्था ने कहा कि जिन खिलाड़ियो ने 2019 में क्वॉलिफिकेशन दौर शुरू होने के बाद ओलिंपिक मानदंडों को हासिल किया है उन्हें अब भी क्वॉलिफाइ माना जाएगा।