महिला पहलवान () को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के लिए नामित किया है, जबकि विश्व चैंपियनशिप के पदकधारी राहुल अवारे, ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके दीपक पूनिया और के अलावा दो अन्य पहलवानों को अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। विनेश तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ करने वाली इकलौती भारतीय महिला पहलवान हैं।
इस पुरस्कार के लिए उनके नाम के भेजे जाने की संभावना पहले से थी लेकिन डब्ल्यूएफआई ने आश्चर्यजनक रूप से अर्जुन पुरस्कार के लिए पांच खिलाडियों को नामित किया है। रियो ओलिंपिक में पदक जीतने वाली साक्षी मलिक हालांकि पिछले तीन वर्षों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं और कई बार अपने जूनियर खिलाड़ियों से भी हार गईं लेकिन डब्ल्यूएफआई ने उनकी उम्मीदवारी को खारिज नहीं किया।
दीपक पूनिया और राहुल अवारे की उम्मीदवारी दमदार होगी। विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक ने जूनियर वर्ग के दमदार प्रदर्शन को सीनियर वर्ग में भी दोहराया है तो वहीं राहुल ने भी नूर सूल्तान में हुए इस टूर्नमेंट में कांस्य पदक जीता था। डब्ल्यूएफआई ने संदीप तोमर और ग्रीको रोमन पहलवान नवीन को भी नामित किया। यह एक आश्चर्यजनक निर्णय है क्योंकि उनका प्रदर्शन भी साक्षी की तरह लचर है।
साक्षी को पहले ही खेल रत्न (2016) मिल चुका है। इतने सारे नामांकन के बारे में पूछे जाने पर, डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, ‘हमने कुछ आवेदन लौटाए भी हैं। समिति सभी आवेदनों की छानबीन करेगी। हमने वही किया जो महासंघ के रूप में हम पहलवानों के लिए कर सकते हैं।’
डब्ल्यूएफआई ने वीरेंद्र कुमार और राष्ट्रीय महिला टीम के कोच कुलदीप मलिक को द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामित किया है। वीरेन्द्र कुमार को विश्व चैंम्पियन दीपक पूनिया और रवि दहिया के करियर को संवारने देने का श्रेय जाता है। कुलदीप लंबे समय तक कोचिंग की सेवा दे रहे हैं। उनकी निगरानी में लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर का आयोजन होता है।
उन्हें साक्षी के करियर को बनाने का श्रेय दिया जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के कोच ओपी यादव और सुजीत मान को भी नामित किया गया है। ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए जय प्रकाश, अनिल कुमार, दुष्यंत शर्मा और मुकेश खत्री को नामित किया गया है।