सुकमा: कलेक्टर चंदन कुमार ने लंबे समय से पेंशन की राशि का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही करते हुए सचिवों को बर्खास्त करने और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई राशि का गबन करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों और सचिवों के विरुद्ध भी तत्काल कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए। बुधवार को जिला कार्यालय में आयोजित समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने तोंगपाल के 102 वाहन चालक के विरुद्ध तत्कालकानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए।
समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने बताया कि 15 जनवरी से 14 फरवरी तक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की जा रही है। इस अभियान का प्रथम चरण 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चलेगा। कलेक्टर ने कहा कि सुकमा जिले को मलेरिया मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग सहित अन्य विभाग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने कहा कि मलेरिया के पाॅजिटिव मरीज को लगातार तीन दिन तक मलेरिया के दवाई का सेवन सामने रहकर कराएं।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत् बस्तर संभाग के सुकमा सहित सभी 7 जिलों से मलेरिया परजीवी को समूल नष्ट करने के लिए वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) 10 से अधिक वाले क्षेत्रों में 15 जनवरी से 14 फरवरी तक सघन अभियान चलाया जाएगा। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का लक्ष्य बस्तर क्षेत्र से मलेरिया मुक्त करना और एनीमिया एवं कुपोषण की दर में गिरावट लाना है। इसी क्षेत्र में मई 2020 में पुनः यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में सुकमा जिले के प्रत्येक घरों तक स्वास्थ्य अमला पहुंचेगा। हर घर के प्रत्येक सदस्य की मलेरिया जांच करेगा, अगर कोई पीड़ित पाया जाता हे तो उसका पूर्ण उपचार किया जाएगा। इसके लिए उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर तीन से चार जांच दल बनाए जाएंगे। इस जांच दल में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे।
बताया गया कि किसी व्यक्ति को बार-बार मलेरिया होने एवं उनके शरीर में मलेरिया परजीवी निरन्तर रहने के कारण बच्चों एवं महिलाओं में खून की कमी दिखई देती है और कुपोषण व मलेरिया का कुचक्र निर्मित होता है। ऐसे क्षेत्र में मलेरिया, मातृ-मृत्यु एवं बाल मृत्यु का भी एक मुख्य कारण होता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य चिन्हांकित क्षेत्रों में मलेरिया परजीवी को समूल नष्ट करना है। चिन्हांकित क्षेत्रों की सम्पूर्ण जनसंख्या की मलेरिया आरडी टेस्ट से जांच की जाएगी। इन क्षेत्रों में निवासरत सभी आयु वर्ग के शत-प्रतिशत व्यक्ति चाहे उन्हें काई लक्षण हो या ना हो, सभी के घर-घर जाकर उनके रक्त में मलेरिया का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। इसके तहत् सुकमा जिले के तीन लाख से अधिक लोगों की जांच की जाएगी। मलेरिया के बचाव के बताए गए उपाय अनुसार मच्छर पनपने के जल स्त्रोतों में पानी एकत्रित नहीं होने देना और मच्छर के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लोगों में जागरूकता लाना है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मलेरिया जांच के दौरान ही टीबी के संदिग्ध मरीजों के बलगम तथा महिलाओं की एनीमिया जांच के लिए भी नमूने लिए जाएंगे।