उन्होंने कहा- वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की क्षमता रखते थे। जैसे 1976 में क्लाइव लॉयड ने वेस्टइंडीज टीम के लिए विजयी संयोजन बनाया था। सौरभ ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हें प्रेरित किया। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘इसलिए गांगुली बहुत सफल कप्तान थे, विदेशी सरजमीं पर भी। उन्होंने विदेशों में जीतना शुरू किया। गांगुली में यह काबिलियत जन्मजात थी।’
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वहीं इसी शो में पूर्व भारतीय स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने श्रीकांत की कप्तानी के तरीके की प्रशंसा की और उन्होंने कहा कि उनमें लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम की अगुआई करने की क्षमता थी। शिवरामकृष्णन ने कहा, ‘चीका (श्रीकांत) बहुत आक्रामक कप्तान थे। उन्होंने काफी नतीजे भी दिलाए। वह काफी सक्रिय थे।’
श्रीकांत को 1989 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था और उन्हीं की कप्तानी में सचिन तेंडुलकर ने अपना पदार्पण किया था। वह 1990 में पाकिस्तान दौरे पर भी भारतीय टीम की कमान संभाले थे लेकिन बल्लेबाजी में असफलताओं के कारण वह टीम से बाहर हो गए।
शिवरामकृष्णन ने कहा, ‘सचिन तेंडुलकर जैसे खिलाड़ी ने चीका की कप्तानी में पदार्पण किया। चीका ने इतनी छोटी उम्र में सचिन को प्रोत्साहित किया जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बने।’ उन्होंने कहा, ‘हमने कई प्रेरणादायी कप्तान देखे, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि चीका और कप्तानी कर सकते थे।’