गुजरात में फंसे प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) का गुस्सा एक बार फिर देखने को मिला। यूपी जाने वाली के रद्द होने पर सैकड़ों मजदूरों ने बवाल किया और बस में तोड़फोड़ की। ये सभी मजदूर एक डिटर्जेंट पाउडर की फैक्ट्री में काम करते थे और लॉकडाउन(Corona Lockdown) से पहले से यहीं फंसे हैं।
एसपी जयपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि घटना काला तालाव क्षेत्र में स्थित कंपनी के कारखाने के पास श्रमिकों की कॉलोनी में हुई। राठौड़ ने बताया कि मजदूर यह सोचकर क्रोधित हो उठे कि कंपनी उन्हें लॉकडाउन के दौरान अपने गृह राज्य नहीं जाने देगी जो कि सच नहीं था। उन्होंने कहा, ‘सोमवार की सुबह कुछ मजदूर भावनगर रेलवे स्टेशन से उत्तर प्रदेश के लिए स्पेशल ट्रेन पकड़ने वाले थे। जब उन्हें कर्मचारियों की बस से स्टेशन ले जाया जा रहा था तब कंपनी प्रबंधन को पता चला कि ट्रेन किसी कारणवश रद्द कर दी गई है। इसलिए बस आधे रास्ते से ही श्रमिकों की कॉलोनी में वापस आ गई।’
10 मजदूरों पर मुकदमा
राठौड़ ने बताया कि मजदूरों ने सोचा कि कंपनी उन्हें जाने नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा, ‘वापस आने के बाद मजदूरों ने तोड़-फोड़ की। उन्होंने बस खिड़कियां और शीशे तोड़ डाले।’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है और 10 मजदूरों को गिरफ्तार करने की प्रकिया जारी है।
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