घर में घुसा पानी, पूर्व खिलाड़ी ने मांगी मदद

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मुफीद मेहदी रिजवी, मुंबई
अभी कुछ हफ्ते पहले ही भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी और उनके ओलिंपियन भाई देवेंदर ने मुंबई हॉकी असोसिएशन के स्टाफ की आर्थिक मदद के लिए हॉकी बिरादरी से अनुरोध किया था।

बुधवार को, युवराज ने बीएमसी से गुजारिश की जिसका कोई असर नजर नहीं आया। युवराज के भाई देवेंदर नीदरलैंड में लीग हॉकी खेल रहे हैं। और वह अपने घर पर अकेले हैं। मरीन लाइंस इलाके के उनके एक कमरे के घर में बारिश का पानी भर गया है। वह ग्राउंड फ्लोर पर हते हैं और उसे निकालने के लिए युवराज की मदद करने वाला कोई नहीं। युवराज ने कहा, ‘मैं पिछले चार घंटों से अपने घर से पानी निकालने में लगा हूं और अभी तक बारिश से राहत नहीं मिली है तो मैं नहीं जानता कि मुझे कब तक ऐसा करना होगा।’

बुधवार शाम को हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर ने युवराज से बात की। उन्हें उस समय पानी का स्तर बढ़ने का डर सता रहा था। दोनों भाइयों में बड़े युवराज ने कहा, ‘मैंने अपने और देवेंद्र द्वारा जीते गए मेडल्स और सर्टिफिकेट कार की डिक्की में रख दिए हैं। मैं छत्रपति शिवाजी अवॉर्ड सर्टिफिकेट सही समय पर बचा पाया। लेकिन कई ऐसे सर्टिफिकेट थे जिन्हें मैं भीगने से नहीं बचा पाया, हालांकि वे खराब नहीं हुए लेकिन मेरे घर में इतनी जगह नहीं है कि मैं उन्हें सुखा सकूं।’

पानी निकालने के साथ ही युवराज को पानी घर के भीतर आने से रोकने का भी इंतजाम करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘हर गुजरते वाहन से पानी दोबारा मेरे घर के अंदर आ जाता है। मैंने मदद के लिए ट्वीट भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मुझे बताया गया कि मदद पहले ही पहुंच चुकी है लेकिन मुझे कोई नहीं दिखा।’

वाल्मिकी बंधु उन राजनीतिक वादों का उदाहरण है जो कभी पूरे नहीं होते। युवराज 2011 में एशियन चैंपियनशिप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। फाइनल में टीम ने पाकिस्तान को हराया था। तब के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस उपलब्धि पर उन्हें घर देने का वायदा किया था। देवेंद्र फडणवीस ने जब 2014 में पदभार संभाला तो उन्होंने भी तब कहा था कि काम सेटल होने के बाद युवराज को मकान जरूर मिलेगा। युवराज को एक बार फिर उम्मीद जगी है। युवराज कहते हैं कि आदित्य ठाकरे ने यूनिवर्सिटी के दिनों से उनकी काफी मदद की है। उन्हें लगता है कि वह जरूर उन्हें नया मकान दिलवा देंगे।

युवराज कहते हैं, ‘आदित्य ने हमेशा मेरा साथ दिया है। जब मैं कुआलालंपुर से एशियन चैंपियनशिप जीतकर लौटा तो तो आदित्य अपने पिता (उद्धव) के साथ एयरपोर्ट पर मुझे रिसीव करने पहुंचे थे। अब जब उद्धव जी मुख्यमंत्री हैं मुझे लगता है कि इस सरकार में मुझे मकान मिल जाएगा।’ संयोग की बात है कि जब युवराज 2011 में कुआलालंपुर से लौटे तो उनके घर में बिजली का मीटर भी नहीं था। दिग्गज हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै की पहल पर उनके घर में बिजली का मीटर लगा।

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