भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि यह माना ही जा रहा था कि कोविड-19 की वजह से इस बार यह मीटिंग नहीं हो पाएगी। एलएसी पर इस तरह की सेरिमोनियल BPM साल में चार बार होती हैं। दो बार इंडियन साइड और दो बार चीन की तरफ। 1 मई को मजदूर दिवस के दिन और चीन के नैशनल डे के दिन 1 अक्टबूर को चीन की आर्मी इंडियन आर्मी को होस्ट करती है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को इंडियन आर्मी होस्ट बनती है और चीन आर्मी को इनवाइट करती है।
भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल में BPM के पांच पॉइंट्स हैं। दोनों देशों के बीच ग्राउंड लेवल पर विवाद वहीं पर सुलझा कर आगे बढ़ने के लिए बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग (बीपीएम) का पहला पॉइंट 1990 में बना। अब लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर बीपीएम के पांच पॉइट्स हैं। 2 बीपीएम पॉइंट लद्दाख में, एक सिक्किम में और दो अरुणाचल प्रदेश में। एक बीपीएम पॉइंट उत्तराखंड के लिपुलेख में खोलने के प्रस्ताव पर भी विचार चल रहा है।
सेरिमोनियल मीटिंग में दोनों देश के फौजी अफसर किसी अजेंडे पर तो बात करते ही हैं, लेकिन ज्यादा फोकस दोस्ती बढ़ाने पर होता है। इसमें कल्चरल प्रोग्राम होते हैं और गिफ्ट एक्सचेंज होते हैं। इंडियन आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक, सरकार के स्तर पर संबंध सुधारने का फैसला होता है तो ग्राउंड लेवल पर रिलेशन अच्छे होने बहुत जरूरी हैं। इसमें लगातार मुलाकातों का सिलसिला मदद करता है और इसलिए बीपीएम अहम है। उन्होंने कहा कि जब दोनों देशों के आर्मी अधिकारी बिना किसी अजेंडे के मिलते हैं तो यह मुलाकात एक-दूसरे के दूसरे पहलुओं को समझने में भी मदद करती है। इससे ग्राउंड पर तनाव कम होता है।
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