एयर इंडिया का स्पेशल विमान चीन के से शनिवार सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा। के खतरे को देखते हुए सुबह तकरीबन साढ़े सात बजे इस विमान से 324 भारतीय छात्रों को वापस लाया गया है। वुहान, हुबेई की प्रांतीय राजधानी है। यहां करॉना वायरस का सबसे ज्यादा संक्रमण देखा जा रहा है। चीन में अब तक करॉना वायरस ने 259 लोगों की जान ले ली है और 10,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग कर रहे हैं डॉक्टर
इस बीच चीन के वुहान से देश लौटने वाले भारतीयों की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम भी तैनात है। विमान में सवार सभी भारतीयों की स्क्रीनिंग करने की तैयारी की गई। डॉक्टरों की टीम आईजीआई एयरपोर्ट पर विमान से आए भारतीय यात्रियों की जांच कर रही है। भारतीयों को लाने चीन के लिए उड़ा एयर इंडिया का प्लेन वुहान में शुक्रवार शाम करीब 7 बजे लैंड कर गया था। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने करॉना को ग्लोबल इमर्जेंसी घोषित किया है। यहां वायरस संक्रमण के 11,791 मामले सामने आ चुके हैं। दूसरी ओर अस्पतालों में भर्ती 243 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है।
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सेना ने मानेसर में बनाया केंद्र
आईटीबीपी ने भी दिल्ली में ऐसी व्यवस्था की है, जहां 600 लोगों के इलाज, देखभाल के लिए अलग से बिस्तर की व्यवस्था रहेगी। सेना ने हरियाणा के मानेसर में एक केंद्र बनाया है, जहां चीन से आए लोगों पर निगरानी रखी जाएगी। पहले यात्रियों की हवाईअड्डे पर जांच की जाएगी और उसके बाद उन्हें मानेसर स्थित केंद्र में लाया जाएगा। अगर किसी के करॉना वायरस से ग्रसित होने की आशंका होगी तो उसे दिल्ली कैंट स्थित अस्पताल में बने एक अलग वॉर्ड में शिफ्ट किया जाएगा।
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हुबेई में करॉना का असर सबसे ज्यादा
गौरतलब है कि हुबेई प्रांत में करॉना वायरस का सबसे अधिक असर देखा गया है। वुहान इसी हुबेई प्रांत की राजधानी है। यहां केंद्र है जिसे आधिकारिक तौर पर 2019-एनसीओवी के नाम से जाना जाता है। वुहान, हुबेई की प्रांतीय राजधानी है। यहां लगभग 700 भारतीय यहां रहते हैं। इनमें से अधिकतर मेडिकल छात्र और रिसर्च स्कॉलर हैं जो यहां के स्थानीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।
(पीटीआई से मिले इनपुट के साथ)
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