चीन को मुंहतोड़ जवाब, आर्मी का विंटर प्लान

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रजत पंडित, लद्दाख
भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद के समाधान की जद्दोजहद के अभी लंबा खिंचने के आसार हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा के पास के जवानों ने इन्सुलेटेड शेल्टर्स बनाने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा, सर्दियों के लिए कपड़ों तथा अन्य सामग्रियों के जुटान की कवायद भी की जा रही है। माना जा रहा है कि ताजा विवाद के बाद भारत चीन पर भरोसा नहीं करना चाहता और इसलिए वह किसी भी तरह का ‘चांस’ लेने की स्थिति में भी नहीं है।

इस बीच भारत की उच्चस्तरीय चाइना स्डडी ग्रुप के मेंबर्स के बीच मंगलवार को मीटिंग होने वाली है। इसमें भारतीय सेना की आगामी गतिविधियों तथा दोनों पक्षों के बीच पांचवें चरण की सैन्य वार्ता को लेकर चर्चाएं की जा सकती हैं। गौरतलब है कि इस ग्रुप में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद भी शामिल हैं।

वहीं, इससे पहले रविवार को 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के मेजर जनरल लियू लिन के बीच 10 घंटे से अधिक चली बैठक में भारत ने पैंगोंग त्सो और गोगरा में पेट्रोलिंग पॉइट-14 (पीपी-14) से चीनी सेना की पूर्ण वापसी की अपनी मांग दोहराई है। हालांकि, अंतिम मंजूरी दोनों देशों की ओर से राजनीतिक नेतृत्व की ओर से दी जानी है।

सर्दियों में भी जमी रहेगी सेना
कुल मिलाकर भारतीय सुरक्षा व्यवस्था में इस मामले को लेकर काफी गंभीरता है। सेना जाड़े के लिए राशन और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति शुरू कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, सेना अपने लिए इन्सुलेटेड हैबिटेट्स बनाने में जुटी है। इसमें प्री-फैब्रिकेटेड झोपड़ियों के अलावा आर्कटिक टेंट्स और बड़े कंटेनर शामिल हैं। इसके अलावा ईंधन का भी पर्याप्त स्टॉक तैयार किया जा रहा है। ऐसे में यह साफ है कि भारत-चीन बॉर्डर पर सर्दियों में भी सीमा विवाद मामला गर्म रहने के आसार हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के बाद सीमा पर तनाव की स्थिति बनी थी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस दौरान हिंसक झड़प का मामला भी सामने आया। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

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