कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जो देश का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए ऑल इंडिया बार असोसिएशन ने केंद्र सरकार से चीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति देने की मांग की है। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 86 में बदलाव की मांग की है।जिसमें किसी नागरिक को विदेशी सरकार पर मुकदमा करने की अनुमति नहीं है।
महामारी को चीन की करतूत बताते हुए असोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी. अग्रवाल ने कहा कि सरकार को सीपीसी की धारा में बदलाव के लिए अध्यादेश लाना चाहिए, ताकि भारतीय नागरिक बीमारी के लिए चीन से क्षतिपूर्ति की मांग कर सकें। इस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था घुटनों के बल आ गई है और 2752 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाए, यह महामारी चीन की करतूत है। सरकार के आदेश से वहां की प्रयोगशालाओं में यह वायरस विकसित किया गया, जो अब अपनी हरकतों को छुपाने का प्रयास कर रहा है।
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि भारत के सीपीसी की धारा 86 के मुताबिक किसी भी दूसरे देश पर किसी भी अदालत में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा, चीन के खिलाफ किसी व्यक्ति के पास आज कोई कानूनी रास्ता मौजूद नहीं है। कोई व्यक्ति क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर सीधे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी नहीं जा सकता है।
चीन से आगे निकला भारत
भारत में अब तक 90,927 कोरोनावायरस के मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 53,946 है वहीं कोरोना वायरस की चपेट में आए करीब 34,109 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, कोरोना से मरने वालों की संख्या 2,872 पर पहुंच गई है। भारत दुनिया का 11वां सबसे संक्रमित देश बनने के साथ ही चीन से आगे निकल गया है। उधर, अगर वैश्विक संदर्भ में बात करें तो पूरे विश्व में अब तक कोरोना वायरस के 46 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3.1 लाख से अधिक लोगोंं की मौत हो चुकी है।