चीन पर नसीहतः BJP का मनमोहन को जवाब

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नई दिल्‍ली
पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई सलाह बीजेपी को नागवार गुजरी है। पार्टी की ओर से राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने कहा कि मनमोहन का बयान महज ‘शब्‍दों की बाजीगरी’ है। नड्डा ने एक के बाद एक ट्वीट्स में कहा क‍ि ‘काश डॉ सिंह तब चीन के इरादों को लेकर चिंतित होते जब उन्‍होंने बतौर प्रधानमंत्री, भारत की सैकड़ों किलोमीटर भूमि चीन के आगे समर्पित कर दी थी।’ बीजेपी अध्‍यक्ष ने आरोप लगाया कि ‘2010 से 2013 के बीच चीन ने 600 से ज्‍यादा बार LAC पर अचानक आक्रमण किया।’

कांग्रेस उठाती रही है सेना पर सवाल: नड्डासिंह ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर शब्‍दों को तोल-मोलकर बोलने की सलाह दी थी। बयान सामने आने के कुछ देर बाद नड्डा ने ट्वीट किया, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का बयान शब्‍दों की बाजीगरी भर है। दुर्भाग्‍य से, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं का आचरण देखकर किसी भारतीय को उनके बयान पर विश्‍वास नहीं होगा। याद रहे, ये वही INC है जिसने हमेशा हमारी सशस्‍त्र सेनाओं पर सवाल उठाए हैं, उन्‍हें हतोत्‍साहित किया है।” नड्डा ने दावा किया कि भारत पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्‍वास और उनका समर्थन करता है।

शायद अपनी पार्टी में सुनी जाए सिंह की बात, नड्डा का तंजबीजेपी अध्‍यक्ष ने कहा कि ‘मनमोहन सिंह एकता की बात करते हैं जो सही है। लेकिन कागज पर उनके शब्‍द धरातल पर बेजान गिरते हैं और साफ पता चल जाता है कि कौन एकता का माहौल बिगाड़ रहा है। उम्‍मीद है डॉ सिंह की अपनी पार्टी में तो बात सुनी जाएगी।’ इसके साथ नड्डा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्‍य विपक्षी पार्टियों के ट्वीट साझा किए जिनमें कांग्रेस नेता का रुख विरोधी नजर आ रहा था।

चीन को लेकर खूब बरसे नड्डाजेपी नड्डा ने इस मौके पर चीन के बहाने यूपीए सरकार के कार्यकाल को कटघरे में खड़ा किया। नड्डा ने कहा, “डॉ मनमोहन सिंह उसी पार्टी से हैं जिसने बेचारों की तरह भारत की 43,000 किलोमीटर भूमि चीनियों के हवाले कर दी। UPA के दौरान, देश ने बिना किसी लड़ाई के रणनीतिक और भौगोलिक आत्‍मसमर्पण देखा।” उन्‍होंने कहा, “डॉ सिंह कई विषयों पर अपनी राय रख सकते हैं मगर प्रधानमंत्री के कार्यालय की जिम्‍मेदारियों पर नहीं। UPA में उस कार्यालय की गरिमा घटी और हमारी सशस्‍त्र सेनाओं का अपमान हुआ। NDA ने उसे बदला है।”

मनमोहन ने लगाए थे झूठे प्रचार के आरोपसिंह ने अपने बयान में कहा था कि ‘प्रधानमंत्री को अपने शब्‍दों और ऐलानों से देश की सुरक्षा और सामरिक और भूभागीय हितों पर पड़ने वाले असर को लेकर बेहद सावधान रहना चाहिए।’ उन्‍होंने कहा कि “हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्‍व का विकल्‍प नहीं हो सकता। पिछलग्‍गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्‍चाई को नहीं दबाया जा सकता।”

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