वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ तनाव बढ़ने के बीच इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि भारत ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर एहतियातन फौजों की पर्याप्त तैनाती कर दी है। लेह-लद्दाख के दौरे पर गए जनरल नरवणे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि चीन से सटी सीमा पर तैनात भारतीय जवानों का हौसला सातवें आसमान पर है और वो किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं।
हर हालत से मुकाबले को तैयार है भारत
आर्मी चीफ ने शुक्रवार को कहा, ‘मैंने लेह पहुंचकर कई जगहों का दौरा किया। मैंने अधिकारियों और जेसीओज से बात की और तैयारियों का जायजा लिया। जवानों का हौसला बुलंद है और वो सभी तरह के हालत से मुकाबले को तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एलएसी पर हालात थोड़ा तनावपूर्ण हैं। इन हालात के मद्देनजर हमने अपनी सुरक्षा के लिए एहतियातन तैनाती कर रखी है ताकि हमारी सुरक्षा और अखंडता पर कोई आंच नहीं आए।’
दुनिया में सबसे शानदार भारत के फौजी: आर्मी चीफ
नरवणे ने दोबारा जोर देकर कहा कि एलएसी पर तैनात फौजी जवानों का मनोबल बेहद ऊंचा है। उन्होंने कहा, ‘वो बहुत प्रेरित हैं। उनका मनोबल ऊंचा है और सामने पैदा होने वाली सभी तरह की परिस्थितियों से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं। हम दोबारा कहना चाहते हैं कि हमारे अधिकारी और जवान दुनिया में सबसे शानदार हैं और वो न केवल आर्मी बल्कि राष्ट्र को गौरवान्वित करेंगे।’ आर्मी चीफ ने गुरुवार को चुशूल सेक्टर पहुंचकर वहां की रक्षा तैयारियों का जायजा लिया था और वो आज दिल्ली लौटने वाले हैं।
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LAC पर दोनों देश आमने-सामने
ध्यान रहे कि पूर्वी लद्दाख में चुशूल सेक्टर के सामने चीन की बढ़ती सैन्य तैनातियों के मद्देनजर भारत ने भी भारी संख्या में अपने फौजी अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर दिए हैं ताकि भविष्य में चीनी सेना के किसी भी दुस्साहसिक प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। इलाके में दोनों देशों ने एक-दूसरे के आमने-सामने भारी संख्या में फौजियों, टैंकों, हथियारयुक्त वाहनों और हॉवित्जर तोपों में तैनात कर रखा है।
एयर चीफ ने भी लिया तैयारियों का जायजा
लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चरम पर पहुंचे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने बुधवार को हशिमारा (Hashimara) समेत पूरे ईस्टर्न सेक्टर में अग्रणी मोर्चों पर बने सैन्य हवाई अड्डों का निरीक्षण किया।
बातचीत का दरवाजा भी खुला
एलएसी पर बिल्कुल विकट परिस्थितियों के बीच दोनों देशों ने सैन्य बातचीत का रास्ता खोलकर रखा है। चुशूल-मोल्डो बॉर्डर पॉइंट पर गुरुवार को चौथे दौर की ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत हुई। हालांकि, इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही।