मध्य प्रदेश: ग्वालियर लोकसभा सीट पर एक बार फिर से प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को प्रत्याशी बनाने की मांग उठी है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ग्वालियर की बजाए मुरैना सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कांग्रेस में अब ग्वालियर से प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को उतारने की मांग उठने लगी है।
दरअसल, रविवार शाम ग्वालियर में जिला कांग्रेस कमेटी ने एक बैठक आयोजित कर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी और सिंधिया राजघराने की बहू प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव को जिला कांग्रेस ने राहुल गांधी को भेजा है।
देश में सबसे ज्यादा चर्चित ग्वालियर लोकसभा सीट से बीजेपी के वर्तमान सांसद नरेंद्र सिंह तोमर इस बार मुरैना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में अब कांग्रेस में ग्वालियर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए कद्दावर उम्मीदवार उतारने की मांग उठने लगी है। रविवार को ग्वालियर के जिला कांग्रेस कार्यालय पर एक बैठक आयोजित की गई जिसमें मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, लाखन सिंह और विधायक प्रवीण पाठक, मुन्नालाल गोयल मौजूद रहे।
बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को ग्वालियर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। बैठक में पास हुए प्रस्ताव को जिला कांग्रेस ने राहुल गांधी को भेजा है। हालांकि इस बैठक में कांग्रेस की ओर से टिकट के सबसे प्रबल दावेदार अशोक सिंह मौजूद नही थे। हालांकि मंत्रियों का कहना है कि अशोक सिंह ने भी अपनी सहमति दी है।
ग्वालियर लोकसभा सीट से अशोक सिंह ने पिछले 3 चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे। 2007 उपचनाव और 2009 के चुनाव में अशोक सिंह बीजेपी की यशोधरा राजे सिंधिया से मामूली अंतर से हारे थे। वहीं 2104 में मोदी लहर के बावजूद अशोक सिंह बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर से महज 29 हज़ार वोट हारे थे। इस बार भी अशोक सिंह की दावेदारी सबसे मजबूत है। अशोक सिंह दिग्विजय सिंह गुट के नेता माने जाते हैं।