चैपल ने प्लेराइट फाउंडेशन के साथ ऑनलाइन चैट पर बात करते हुए धोनी की श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की बेहतरीन पारी को याद किया। चैपल ने कहा, ‘मुझे याद है जब 2005 में हमने श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज खेली थी। धोनी ने एक मैच में 180 से ज्यादा रन बनाए। वह बिल्कुल अलग अंदाज में खेले, उन्होंने काफी चौके लगाए, बहुत छक्के जड़े।’
पढ़ें,
धोनी ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ इस मैच में 145 गेंदों पर 183 रन की बेहतरीन पारी खेली थी जो वनडे में उनका अब तक का सर्वोच्च स्कोर है।
चैपल ने कहा, ‘अगला मैच पुणे में था। मुझे याद है कि उनकी क्षमता के बारे में उनसे बातचीत हुई। मुझे लगा कि अगर वह सिर्फ अपने करियर के दौरान बाउंड्री और छक्के मारने की कोशिश करते हैं, तो शायद वह हासिल नहीं कर सकते जो उन्हें क्रिकेट में हासिल करना चाहिए।’
पूर्व कोच ने कहा, ‘मुझे लगा कि अगर वह गेंद को जमीन के साथ-साथ हिट करना सीख सकते हैं, भले ही वह बाउंड्री लगाने में अच्छे थे, फिर भी यह खेलने का एक जोखिम वाला तरीका था। मेरा मानना था कि अगर वह ऐसा करते हैं तो ही विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फिनिशरों में से एक बन सकते हैं।’
देखें,
भारत के पूर्व कोच ने कहा, ‘मुझे याद है कि पुणे में वह मैच था, हमें ज्यादा रन नहीं चाहिए थे, जब धोनी उतरे तो हमारे पास 80 या 100 रन बचे थे। तब मैंने उन्हें चुनौती दी कि क्या वह गेंद को हवा में ना खेलें। मैंने चैलेंज दिया कि जब तक हम मैच नहीं जीतते, तब तक गेंद को हवा में मारने की अनुमति नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘सौभाग्य से उन्होंने चुनौती स्वीकार की। हालांकि मुझे याद है कि आरपी सिंह 12वें खिलाड़ी थे और अपनी पारी के दौरान वह मेरे पास आए और कहा कि एमएस जानना चाहते हैं कि क्या वह गेंद को हवा में मार सकते हैं। हमें तब भी जीतने के लिए लगभग 20 रन चाहिए थे, इसलिए मैंने आरपी से कहा ‘तुम वापस जाओ और उसे बताओ, वह गेंद को हवा में मार सकता है।’
चैपल ने बताया कि अंत में मैच जीतने के लिए टीम इंडिया को 4 रन चाहिए थे और धोनी ने शानदार सिक्स लगाया। बाद में वह मेरे पास आए और बोले- ऑलराइट कोच? धोनी ने अब तक करियर में 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले हैं। उनके नाम टेस्ट में 4876, वनडे में 10773 और टी20 इंटरनैशनल में 1617 रन हैं।