छत्तीसगढ़ में एक लाख क्विंटल से अधिक वनोपजों का संग्रहण : अब तक दो लाख से अधिक संग्राहकों को रोजगार के साथ अतिरिक्त आमदनी का लाभ

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप और वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में संग्राहकों द्वारा लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए लघु वनोपजों का संग्रहण का कार्य तीव्र गति से जारी है। चालू सीजन के दौरान अब तक लगभग 33 करोड़ रूपए की राशि के एक लाख 8 हजार 223 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण किया जा चुका है। इसमें 2 लाख 12 हजार 721 संग्राहकों को रोजगार के साथ अतिरिक्त आमदनी का लाभ प्राप्त हुआ है। राज्य में इस वर्ष लगभग साढ़े आठ लाख क्विंटल लघु वनोपजों के संग्रहण का लक्ष्य है।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपने निर्धारित लक्ष्य के तहत सबसे अधिक संग्रहण करने वाले वन मंडलों में नारायणपुर, दंतेवाड़ा तथा बालोद वन मंडल शामिल हैं। इनके द्वारा अब तक अपने लक्ष्य का 25 प्रतिशत से अधिक संग्रहण किया जा चुका है। इनमें वन मंडलवार नारायणपुर में लक्ष्य का 47 प्रतिशत अर्थात् 12 हजार 167 क्विंटल, दंतेवाड़ा में लक्ष्य का 30 प्रतिशत अर्थात् 11 हजार 229 क्विंटल तथा बालोद में लक्ष्य का 28 प्रतिशत अर्थात् एक हजार 384 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह वन मंडलवार पश्चिम भानुप्रतापुर में 3 हजार 133 क्विंटल, सुकमा में 7 हजार 846 क्विंटल, पूर्व भानुप्रतापुर में 4 हजार 146 क्विंटल, केशकाल में छह हजार 919 क्विंटल, दक्षिण कोण्डागांव में 11 हजार 920 क्विंटल तथा जगदलपुर में 11 हजार 244 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण किया जा चुका है।
वन मंडलवार बीजापुर में छह हजार 7 क्विंटल, कोरबा में 3 हजार 826 क्विंटल, कांकेर में 3 हजार 57 क्विंटल, रायगढ़ में 2 हजार 49 क्विंटल, धमतरी में एक हजार 763 क्विंटल, खैरागढ़ में एक हजार 432 क्विंटल तथा कटघोरा में 2 हजार 70 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हुआ है। वन मंडलवार बिलासपुर में 915 क्विंटल, राजनांदगांव में 586 क्विंटल, कवर्धा में 672 क्विंटल, गरियाबंद में एक हजार 485 क्विंटल, धरमजयगढ़ में 2 हजार 210 क्विंटल, कोरिया में 2 हजार 03 क्विंटल तथा बलरामपुर में 2 हजार 151 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण किया जा चुका है। वन मंडलवार सूरजपुर में एक हजार 835 क्विंटल, मनेन्द्रगढ़ में एक हजार 567 क्विंटल, मरवाही में एक हजार 73 क्विंटल, बलौदाबाजार में 701 क्विंटल, जशपुर में एक हजार 09 क्विंटल, सरगुजा में 701 क्विंटल तथा महासमुंद में 224 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हो चुका है।

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