साउथ अफ्रीका के डरहम में खेले गए इस मैच की बात करें तो कप्तान दादा ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया। ओपनर सचिन तेंडुलकर और वीरेंदर सहवाग ने पहले विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी करते हुए कप्तान का फैसला सही भी साबित किया। सहवाग (33 रन, 56 गेंद 3 चौके) के रूप में भारत का पहला विकेट गिरा। इसके बाद सचिन और गांगुली ने मिलकर टीम को संभाला और 200 के करीब ले गए। सचिन 101 गेंदों में 5 चौके और 1 सिक्स लगाते हुए 83 रन बनाए।
ऐसी थी गांगुली की पारी
दूसरी ओर, सौरभ गांगुली जबरदस्त तरीके से खेल रहे थे। उन्होंने इस मैच में 114 गेंदों में 5 चौके और 5 छक्के की मदद से नाबाद 111 रन की पारी खेली और भारत ने 4 विकेट पर 270 रनों का स्कोर खड़ा किया। जवाब में केन्या की टीम 179 रनों पर सिमट गई। उसके लिए सबसे अधिक स्टीव टिकोलो ने 56 रन बनाए थे। भारत के लिए सबसे अधिक जहीर खान ने 3, आशिष नेहरा और सचिन तेंडुलकर ने दो-दो विकेट झटके थे।
रोहित ने की बराबरीरोहित शर्मा ने 2015 के विश्व कप में 19 मार्च को खेले गए क्वॉर्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 137 रन की पारी खेलकर 12 वर्ष पुराने नॉकआउट में शतक लगाने के गांगुली के रेकॉर्ड की बराबरी की। यह अपने आप में अजब संयोग ही है कि दोनों ही बार भारत वर्ल्ड कप जीतने में असफल रहा था और दोनों बार ऑस्ट्रेलिया से हार मिली थी।