लंदन ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता नारंग ने कहा, ‘निशानेबाजी दोबारा शुरू होने वाले शुरुआती खेलों में शामिल हो सकता है क्योंकि यह आपसी संपर्क का खेल नहीं है जिसमें निशानेबाजों के पास अपना व्यक्तिगत सामान होता है। शूटिंग रेंज में सामाजिक दूरी से जुड़े नियमों का पालन हो सकता है क्योंकि 10 मीटर रेंज में दो प्रतिभागियों के बीच कम से कम एक से डेढ़ मीटर की दूरी होती है जबकि 50 मीटर रेंज में यह दूरी 1.25 मीटर की होती है।’
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ISSF वर्ल्ड कप में कई बार के पदक विजेता इस निशानेबाज ने कहा, ‘शॉटगन में दो निशानेबाजों के बीच सामाजिक दूरी बनाने के लिए पर्याप्त जगह होती है।’ एनआईएस पटियाला और बेंगलुरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में रह रहे खिलाड़ियों के चरणबद्ध तरीके से आउटडोर ट्रेनिंग शुरू करने के आग्रह पर खेल मंत्री ने मंगलवार को उन्हें आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय से बात करेंगे।
रिजिजू ने साथ ही कहा था कि खिलाड़ियों, कोचों और अन्य स्टाफ के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के इरादे से समिति का गठन किया जाएगा। ट्रेनिंग दोबारा शुरू होने पर सभी को एसओपी का पालन करना होगा।
37 वर्षीय नारंग ने दोहराया कि वह सिर्फ ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने की बात कर रहे हैं और टूर्नमेंट की मेजबानी या उनमें हिस्सा लेने की नहीं। इस दिग्गज राइफल निशानेबाज ने यूरोप का उदाहरण दिया जहां कुछ देशों में निशानेबाजी की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘यूरोपीय देशों का सवाल है तो नहीं पता कि उन्होंने इसे क्षेत्रों में विभाजित किया है या नहीं लेकिन सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए उनमें से कुछ ने रेंज खोल दी हैं।’ नारंग ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन निशानेबाजी प्रतियोगिताओं के आयोजन के विचार का भी समर्थन किया।