स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए पिछले 28 सालों से काम कर रहे संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही रक्षा मंत्रालय भी सभी आर्मी कैंटीन में स्वदेशी उत्पाद ही रखेगा। गृह मंत्रालय सीएपीएफ कैंटीन के लिए इसका ऐलान कर चुका है। आर्मी कैंटीन यानी कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) के 1 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।
मंत्रालयों में होगा गंभीरता से लागू
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि गृह मंत्रालय ने जो शुरुआत की है उसे रक्षा मंत्रालय भी आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि अभी भी सभी मंत्रालयों में नियम है कि एक तय राशि तक की अगर खरीद होती है तो उसमें स्वदेशी उत्पाद ही खरीदे जाएंगे। हमें उम्मीद है कि अब इसे गंभीरता से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सबसे बड़ी खरीदार हैं और पीएम नरेंद्र मोदी की स्पीच के बाद हमें उम्मीद है कि सभी मंत्रालय इस तरह के कदम उठाएंगे।
मेक इन इंडिया पर था ऐतराज पर अब है सही कदम
अश्विनी महाजन ने कहा कि सरकार का वोकल फॉर लोकल का कदम मेक इन इंडिया का ही दूसरा रूप नहीं है बल्कि यह उसका दूसरा और बेहतर चरण हैं। महाजन ने कहा कि हमें मेक इन इंडिया से यह ऐतराज था कि उसमें विदेशी कंपनियों का भारत में आकर उद्योग लगाने पर जोर दिया गया था। लेकिन अब स्वदेशी के साथ ही स्थानीय उत्पादों पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘चाहत से देसी, जरूरत में स्वदेशी और मजबूरी में विदेशी’ का हमारा सपना और नारा अब आगे बढ़ता दिख रहा है।
पहले की सरकारों ने नहीं किया अपने लोगों पर भरोसा
स्वदेशी जागरण मंच नेता अश्विनी महाजन ने कहा कि पिछले 70 सालों में हमारी सरकारों ने अपने लोगों पर भरोसा नहीं किया। पहले कहा कि पब्लिक सेक्टर काम करेगा, फिर कहा कि यह फेल हो गया प्राइवेट सेक्टर काम करेगा और फिर कहा कि प्राइवेट सेक्टर भी नहीं कर पा रहा है इसलिए विदेशी (एफडीआई) करेंगे। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा नहीं हुआ कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने कि लिए कोई स्पेशल प्लान आया हो। महाजन ने कहा कि अब लोकल इंडस्ट्री को डिवेलप करना, स्थानीय उद्योगों को जो दिक्कत आती है वह दूर करना एक अहम काम होगा। बाजार से लेकर फाइनेंस की जो दिक्कत आती हैं उनसे पार पाना होगा। उन्होंने कहा कि हम इस दिशा में काम करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पीएम की अपील के बाद ग्राहकों के बीच स्वदेशी और लोकल ब्रैंड मजबूत होंगे और फिर यह ग्लोबल ब्रैंड बनेंगे।